दरअसल, स्टेन लार्किन नाम के शख्स के दिल का ट्रांसप्लांट होना था, लेकिन उन्हें कोई डोनर नहीं मिल रहा था. ऐसे में उन्हें एक-दो नहीं बल्कि पूरे 555 दिन ‘आर्टिफिशियल हार्ट’ के साथ गुजारने पड़े.

स्टेन लार्किन आर्टिफिशियल हार्ट वाले बैग को अपनी पीठ पर टांगकर रोजमर्रा के काम करते थे. इतना ही नहीं वो इसे अपनी पीठ पर टांगे दोस्तों के साथ फुटबॉल तक खेलते थे. बता दें कि इंसान को आर्टिफिशियल हार्ट की जरूरत तब पड़ती है जब उसके हार्ट के दोनों साइड फेल हो जाते हैं और सामान्य हार्ट सपोर्टिंग डिवाइस उसे जिंदा रखने के लिए काफी नहीं होते.

इस बैग का वजन करीब 6 किलो था. बता दें कि ये मामला करीब 5 साल पुराना है लेकिन स्टेन लार्किन की ये प्रेरणादायक कहानी एक बार फिर से सुर्खियों में है. लार्किन मिशिगन में SyncArdia डिवाइस के साथ अस्पताल से झुट्टी पाने वाला पहला मरीज था. उसे इस डिवाइस को हमेशा अपने साथ एक बैग में रखना था.

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