मेलबर्न। कुछ देशों द्वारा आतंकी संगठनों को संरक्षण और धन देनें के खिलाफ वैश्विक एकजुटता प्रयासों का आह्वान करते हुए भारत के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने ऐलान किया है कि 2020 में भारत में ‘नो मनी फॉर टेरर’ का आयोजन किया जाएगा।
यह घोषणा उन्होंने मेलबर्न में आज से शुरू हुए दो दिवसीय द्वितीय ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन में की जिसमें भारत सहित 65 देश शामिल हैं। भारत की ओर से वाईसी मोदी, डीजी एनआईए सहित पांच सदस्य इस सम्मेलन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में रेड्डी ने भारत की इस चिंता पर बल दिया कि कुछ देश चुपचाप समर्थन कर आतंकी समूहों को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने सभी देशों से मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं या आतंकियों के लिए पैसा जुटाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत सीमा पार से आतंकवाद से त्रस्त है जिस कारण वह जीरो-टॉलरेंस की वकालत करता है। उन्होंने कहा कि अभी भी अल कायदा के कई सक्रिय सहयोगी दुनिया के विभिन्न देशों में मौजूद हैं।
किशन रेड्डी ने आतंकवाद को शांति, सुरक्षा और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि एनजीओ के बहाने आतंकी समूह फंड जुटा रहे हैं। वे हवाला के जरिए दूसरे देशों में बैठे अपने समर्थकों से यह पैसा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफएटीएफ मानकों को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए। साथ ही संयुक्त राष्ट्र लिस्टिंग/एफएटीएफ का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

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