नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को दोनों देशों के बीच रसोई गैस पाइपलाइन का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इससे बांग्लादेश से भारत को स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति संभव होगी। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कौशल विकास संस्थान और ढाका के रामकृष्ण मिशन में एक छात्रावास का उद्घाटन भी किया।

मोदी और शेख हसीना की वार्ता के बाद दोनों देशों ने सात समझौतों और करारों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें बांग्लादेश के चटगांव और मोंगरा बंदरगाहों के उपयोग संबंधी करार शामिल हैं। अन्य करारों में भारत द्वारा अंतरदेशीय फैणी नदी में 1.82 क्युसेक पानी का उपयोग करने का करार शामिल है, जिसके जरिए भारत के त्रिपुरा राज्य में सबरूम नगर को पेयजल आपूर्ति होगी। एक करार के जरिए दोनों देशों ने समुद्र तटीय क्षेत्र की निगरानी प्रणाली कायम करने का भी निश्चय किया।

मोदी ने इस अवसर पर कहा कि बांग्लादेश से रसोई गैस आपूर्ति का लाभ दोनों देशों को मिलेगा। इससे पड़ोसी देश में निर्यात, आमदनी और रोजगार बढ़ेगा। रसोई गैस की आपूर्ति की दूरी 1500 किमी कम होगी, जिससे आर्थिक बचत होगी और पर्यावरण को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पेशेवर कौशल विकास संस्थान की स्थापना से बांग्लादेश के उद्योगिक विकास के लिए जरूरी प्रशिक्षित मानवसंसाधन तैयार हो सकेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नवनिर्मित विवेकानंद छात्रावास में विश्वविद्यालय के 100 छात्र और शोधकर्ता रहने की व्यवस्था है। मोदी ने कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ अपनी साझेदारी को बहुत प्राथमिकता देता है। दोनों देशों की मैत्री और सहयोग पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है।

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