पटना। बिहार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को वित्त, वाणिज्य कर, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा आपदा प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी तथा नगर विकास की जिम्मेवारी दी गई है।
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर को 6 विभागों की जिम्मेदारी दे दी गई है। श्री प्रसाद को इतने अहम मंत्रालय दिए जाने को लेकर इसलिए भी चर्चा हो रही है क्योंकि उन्होंने महज 12वीं तक की पढ़ाई की है। पूरे विधानसभा चुनाव में एनडीए खेमे के नेता महागठबंधन के सीएम प्रत्याशी तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाते रहे। अब 12वीं पास तारकिशोर प्रसाद को वित्त, वाणिज्य जैसे अहम मंत्रालय दिए जाने पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव पर सवाल उठाने वालों को क्या हो गया है जो पहली बार मंत्री बने कम पढ़े लिखे नेता को इतना अहम मंत्रालय दे दिया है।
नीतीश कैबिनेट में शिक्षा मंत्री बनाए गए मेवालाल चौधरी का भी विवादों से नाता रहा है। मेवालाल चौधरी 2015 में पहली बार जेडीयू विधायक बने थे जबकि, इससे पहले तक वह शिक्षक के तौर पर सेवा दे रहे थे। उनके कुलपति रहते सबौर कृषि विश्वविद्यालय में साल 2012 में सहायक प्राध्यापक और जूनियर वैज्ञानिकों की बहाली हुई थी बताया जाता है कि उस नियुक्ति में धांधली की गई थी। सबौर कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापकों व अन्य पदों की नियुक्ति में तत्कालीन कुलपति मेवालाल पर आरोप लगा था कि उन्होंने बिहार के 18 और दूसरे राज्यों के 87 को नौकरी दी थी। यानी 105 में से 18 ही बिहार मूल निवासी थे। कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में 2017 में दर्ज किया गया था। हालांकि इस मामले में उन्होंने कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी और अभी तक कोर्ट में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया है।