पटना। बिहार की राजनीति में बाहुबलियों का वर्चस्व रहा है. ऐसे ही एक बाहुबली हैं प्रभुनाथ सिंह, जो हत्या के मामले में इन दिनों हजारीबाग जेल में सजा काट रहे हैं. सिवान जिले के महाराजगंज सीट के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी बने तो किसी वक्त में नीतीश कुमार के कैंप में शामिल हो गए।
प्रभुनाथ सिंह ने पहली बार सारण के मशरख विधानसभा सीट से 1985 में चुनाव जीता था. सीमेंट कारोबारी रह चुके प्रभुनाथ सिंह ने निर्दलीय जीत हासिल की. विधायक बनने से पहले वह मशरक के तत्कालीन विधायक रामदेव सिंह काका की हत्या के बाद चर्चा में आए थे. काका की हत्या का आरोप उनपर भी लगा था. हालांकि बाद में कोर्ट से वे बरी हो गए थे.
1990 में प्रभुनाथ सिंह दोबारा विधायक चुने गए, इस बार उन्हें जनता दल से टिकट मिला था. लेकिन 1995 में अपने ही शागिर्द अशोक सिंह के हाथों उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. हालात ये हो गए कि मशरक में प्रभुनाथ सिंह की सियासी जमीन सरकने लगी. इसके बाद अपनी खत्म होती राजनीति को देख बौखलाए प्रभुनाथ सिंह बदला लेने की फिराक में लग गए.
जिससे चुनाव हारे उसकी करवा दी हत्या
3 जुलाई 1995 की बात है, शाम 7.20 बजे पटना के आवास में विधायक अशोक सिंह की बम मारकर हत्या कर दी गई. हत्या में प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह को आरोपी बनाया गया. हत्यकांड के बाद प्रभुनाथ सिंह ने पटना की राजनीति छोड़कर दिल्ली का रुख किया और लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए. हालांकि इस मामले में वो बाद में दोषी पाए गए और अब जेल में सजा काट रहे हैं.
विधायक से संसद बनने का सफर
विधानसभा में हार और विधायक अशोक सिंह हत्याकांड के बाद प्रभुनाथ सिंह सांसद बनने की तैयारी करने लगे. दरअसल, 1998 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ तो प्रभुनाथ सिंह समता पार्टी के टिकट पर राजपूत वोटों का गढ़ कहे जाने वाले महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े. कांग्रेस के महाचंद्र प्रसाद सिंह को हराकर उन्होंने सीट पर कब्जा जमाया. 2004 में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की. 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद के उमाशंकर सिंह ने इन्हें हरा दिया. साल 2012 में महाराजगंज सांसद उमाशंकर सिंह का निधन हो गया और फिर उपचुनाव होने वाला था. साल 2012 में प्रभुनाथ सिंह जेडीयू से अलग होकर आरजेडी में शामिल हो गए. 2013 में महाराजगंज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आरजेडी के टिकट पर प्रभुनाथ सिंह को जीत मिली. लेकिन 2014 के चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को फिर शिकस्त झेलनी पड़ी.
आजीवन सजा काट रहे हैं
विधायक अशोक सिंह हत्याकांड मामले में प्रभुनाथ सिंह अपने भाइयों के समेत दोषी पाए गए और आजीवन कारावास की सजा झेल रहे हैं. हाल ही में रांची हाईकोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह की याचिका खारिज कर आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी है. प्रभुनाथ सिंह हजारीबाग की जेल में बंद हैं. प्रभुनाथ सिंह पर हत्या, अपहरण, धमकी देने, मारपीट करने समेत 35 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं.