बेगूसराय। अगर आप अभी भी घर से थैला नहीं लेकर बाजार सब्जी आदि खरीदने जाते हैं तो आज ही सतर्क हो जाएं। एक जुलाई से एकल उपयोग पॉलिथीन सहित सभी प्लास्टिक वस्तुओं पर रोक लग रही है। ऐसे में आपको ना केवल बाजार से निराश वापस लौटना पड़ सकता है, बल्कि जुर्माना भी लग सकता है।

एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए एक ओर राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं। तो दूसरी ओर इस पर कड़ाई पूर्वक प्रतिबंधित लगाने के लिए जिला स्तर पर भी लगातार छापेमारी की जाएगी। शासन-प्रशासन जनभागीदारी से इस जानलेवा प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए रणनीति तय कर चुकी है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने नवाचार को बढ़ावा देने तथा पूरे देश में त्वरित पहुंच और विकल्पों की उपलब्धता के लिए इकोसिस्टम प्रदान करने के उद्देश्य से यह कदम उठाए हैं। इससे शुरू होने वाला नया स्टार्टअप आजीविका को भी मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं को समाप्त करने के लिए किए गए आह्वान के अनुसार आजादी का अमृत महोत्सव की भावना को आगे बढ़ाते हुए कूड़े एवं प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए यह निर्णायक कदम उठाया गया है।

एक जुलाई से देशभर में कम उपयोगिता और प्रदूषण क्षमता अधिक वाले चिन्हित एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के कारण होने वाले प्रदूषण को दूर करना सभी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती बन गया है। समुद्री पर्यावरण सहित स्थलीय और जलीय इकोसिस्टम पर एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के प्रतिकूल प्रभावों को वैश्विक स्तर पर पहचाना गया है।

इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से उत्पन्न कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए यह ठोस कदम उठाए हैं। प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, एक सौ माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिकर आदि को प्रतिबंधित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 2019 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में भारत ने एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के प्रदूषण से निपटने के लिए प्रस्ताव रखा था। जिसके बाद वैश्विक समुदाय द्वारा इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार किया जा रहा है। जागरूकता अभियान में उद्यमियों और स्टार्ट अप्स, उद्योग, केंद्रीय, राज्य एवं स्थानीय सरकारों नियामक निकायों, विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों, अनुसंधान एवं विकास तथा अकादमिक संस्थानों को एकजुट किया गया है। लेकिन यह पाबंदी तभी संभव है, जब जन भागीदारों के साथ सभी सम्मिलित रूप से प्रयास करें।

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