बिहार में नीतीश कुमार की सरकार के बनते ही विवाद शुरू हो गया। ताजा मामला मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर है। पहली बार मंत्री बनाए गए डॉ. मेवालाल चौधरी एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान गा रहे हैं, लेकिन वह उसे पूरा नहीं बोल सके। राष्ट्रीय जनता दल ने इस कार्यक्रम का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। उसमें यह साफ-साफ दिख रहा है। डॉ. मेवालाल चौधरी को सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा जैसा अहम विभाग सौंपा है।
डॉ. मेवालाल चौधरी पहले भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं और उन पर अपने कार्यकाल के दौरान 2012 में 161 सहायक प्राध्यापक-जूनियर साइंटिस्ट के पदों पर हुई बहाली में बड़े पैमाने पर धांधली और पैसों के लेन-देन के आरोप लग चुके हैं। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। बाद में उन्होंने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।
आरजेडी ने उनको शिक्षा मंत्री बनाए जाने पर भी सवाल उठाया है। आरजेडी ने ट्वीट कर कहा, ‘जिस भ्रष्टाचारी MLA को सुशील मोदी खोज रहे थे, उसे नीतीश ने मंत्री बना दिया।’ इस मामले में जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि डॉ. चौधरी के केस में हाई कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। ऐसे में उन पर सवाल उठाना उचित नहीं है। कहा कि कुशवाहा बिरादरी ने उनको वोट दिया, इसलिए विपक्ष उनको निशाना बना रहा है। डॉ. मेवालाल चौधरी कुइरी समाज के हैं।
अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर मंत्री डॉ. चौधरी मीडिया के सामने बोलने से बच रहे हैं। हर सवाल पर वह एक ही बात बोलते हैं कि इसको छोड़िए, विकास की बातें करें। राज्य के डिवलपमेंट पर सवाल करिए। आरजेडी समेत विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मा्ंग रही हैं। वीडियो में डॉ. मेवालाल चौधरी के राष्ट्रगान पूरा नहीं पढ़ पाने पर आरजेडी ने ट्वीट किया है कि “भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के आरोपी बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को राष्ट्रगान भी नहीं आता। नीतीश कुमार जी शर्म बची है क्या? अंतरात्मा कहाँ डुबा दी?”
डॉ. मेवालाल चौधरी तारापुर प्रखंड के कमरगांव गांव के रहने वाले है। कुलपति पद से रिटायर होने के बाद वर्ष 2015 में वह जदयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए।