पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज तीसरे सोमवार पर ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य व अन्य विभागों की शिकायत सुनी। फरियादियों की शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया। एक युवक की फरियाद सुन सीएम नीतीश को गुस्सा आ गया और कहा कि फालतू की बात मत करो।

एक युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि धान की अधिप्राप्ति के छह महीने बाद भी पैसा नहीं मिला है। पैसे के अभाव में अपनी मां का इलाज नहीं करा पा रहे। यह शिकायत सुन सीएम नीतीश परेशान हो गये। एक सेवानिवृत प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) ने सीएम के दरबार में खूब शोर-शराबा किया।

मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत प्रखंड कृषि पदाधिकारी की शिकायत सुन कृषि विभाग के पास भेजने को कहा। इस पर वृद्ध व्यक्ति ने कहा कि बिहार बहुत बड़ा है। हम भीख मांग लेंगे लेकिन कृषि विभाग में नहीं जायेंगे। क्योंकि, कृषि विभाग ने निदेशक ने ही तो सारा खेल खेला और हमारा पेंशन रोक रखा है। यह कहकर सेवानिवृत शख्स जोर-जोर से चिल्लाने लगा।

इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया। उन्होंने कहा कि हल्ला क्यों कर रहे, कृषि विभाग के पास भेजे हैं, वहां जाइए। फिर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पता लगाइए कि वो कृषि विभाग में क्यों नहीं जाना चाहता। वह किस तरह का व्यक्ति है ? इसके बाद सीएम सचिवालय के अधिकारी भागे-भागे सेवानिवृत व्यक्ति की तरफ गये।

धान बेचन के छह माह से अधिक होने के बाद भी पैसा नहीं मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो डीएम को देखना चाहिए था। तुरंत उन्होंने मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार को तलब किया। सीएम नीतीश ने दोनों अधिकारियों से कहा कि आखिर धान बेचने वाले किसानों को पैसा क्यों नहीं मिला है? इस मामले को देखें और जितने भी इस तरह के केस हैं उन्हें सॉल्व करें।

गया जिले में शेरघाटी के एक युवक गौतम कुमार ने सीएम नीतीश से कहा कि हम यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे लेकिन उनकी माली हालत अच्छी नहीं । ऐसे में हम निजी कोचिंग नहीं कर पा रहे। आप हमें निजी कोचिंग करने के लिए आर्थिक सहायता करें। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी कोचिंग की मदद नहीं ले पा रहे तो हम क्या करें? निजी कोचिंग के लिए सरकारी मदद का प्रावधान नहीं है। जेनरल स्पीच देने से कोई फायदा नहीं। फालतू चीज मत करिए…ऐसा कहिए कि हमें इसमें मदद करिये, ऐसा नहीं होता है। एक-एक चीज में मदद किया जा रहा।

सीएम ने प्रधान सचिव को बुलाया

सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड से आये एक आवेदक ने सीएम नीतीश से कहा कि कुसहा त्रासदी के दौरान ही त्रिवेणीगंज में एक पुल टूट गया था लेकिन आज तक वह नहीं बना। सीएम नीतीश यह बात सुन हतप्रभ रह गये। उन्होंने तुरंत प्रधान सचिव दीपक कुमार को बुलाया और कहा कि यह काफी संवेदनशील मामला है। आखिर यह कैसे हुआ? हमने तो कर्ज लेकर एक-एक काम कराया फिर भी बचा कैसे रह गया। आप इसे दिखवाइए और जिम्मेदार लोगों को चिन्हित करायें। हमने कोई काम छोड़ा नहीं तो क्षतिग्रस्त पुल बच कैसे गया। आप मुख्य सचिव से इस पर चर्चा करें और जरूरत पड़ी तो एक बैठक बुलाएं।

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