बिहार। कोरोना का संक्रमण भले ही कम हो गया है लेकिन मौतों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है. इसका अंदाजा बिहार के गया जिले के पटवाटोली जाकर लगाया जा सकता है.

दरअसल, पटवाटोली आमतौर पर अपने गमछा और बेडशीट के उत्पादन के लिए जाना जाता है लेकिन आजकल यहां हजारों की संख्या में कफन बनाने का काम चल रहा है.

बिहार का मेनचेस्टर कहे जाने वाले पटवाटोली में पहले भी पीतांबरी यानी कफन बनता था, लेकिन इतना नहीं जितना आज बनाना पड़ रहा है. बाजार बंद होने की वजह से गमछा और बेडशीट का डिमांड नहीं के बराबर है, वहीं कफन की डिमांड दो सौ गुना बढ़ गई है. जिसको यहां के बुनकर पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

पटवाटोली के हर घर से पावरलूम चलने की आवाज आपको सुनाई देगी. मशीनों को एक क्षण के लिए भी रोक नहीं जा रहा है।

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