बेगूसराय। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के जन्मभूमि बिहार के सिमरिया में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की अमर कृति के रूप में दिनकर साहित्य संस्कृति शोध विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की है।

मानव संसाधन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि उस संसदीय क्षेत्र बेगूसराय की सेवा कर रहा हूं जहां सिमरिया में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म हुआ। जिन्होंने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रवाद, स्वतंत्र संघर्ष, सामाजिक राजनीतिक जीवन को उत्कृष्ट ऊंचाई दी। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्म शताब्दी समारोह हाल ही में संपन्न हुआ है, उनके स्वर्गवास को भी 48 वर्ष हो चुके हैं।

संसदीय क्षेत्र बेगूसराय ही नहीं, बिहार के लोगों की मांग रही है कि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर कोई साहित्यिक संस्थान बनाया जाए, जो उनकी चिर कृति को अमर बनाए रखने के साथ साहित्य एवं संस्कृति से जुड़े लोगों की प्रतिभा के विस्तार का एक केंद्र भी बन सके। लोगों की आशा और अपेक्षा के अनुरूप बेगूसराय जिले के सिमरिया में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर दिनकर साहित्य संस्कृति शोध विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए। इससे साहित्य संस्कृति एवं कला के क्षेत्र में रुचि रखने वाले लाखों छात्र-छात्राओं का भला होगा, वहीं साहित्यिक धरोहरों को सजाने का काम भी संभव हो सकेगा।

भाजपा नेता-सह-सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर ने बताया कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर स्थापित दिनकर साहित्य संस्कृति शोध विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में साहित्य और संस्कृति कला का अनोखा विश्वविद्यालय होगा। जहां पर एक तरफ विभिन्न कवि एवं रचनाकारों की कृति पर शोध एवं प्रकाशन हो सकेगा, वहीं दूसरी तरफ बिहार की लोक संस्कृति एवं कला पर व्यापक शोध के माध्यम से इसका राष्ट्रीय फलक पर प्रचार-प्रसार भी हो सकेगा।

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