पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले पांचवां गठबंधन बन गया है। ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट’ नाम से बने गठबंधन में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। इसमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के असदुद्दीन ओवैसी, बहुजन समाज पार्टी की (बसपा) की मायावती, समाजवादी जनता दल के देवेंद्र प्रसाद यादव और जनवादी पार्टी के संजय चौहान और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर शामिल हैं। इन नेताओं ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन और राजग का विकल्प ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट’ होगा।

बिहार की जनता ले चुकी है बदलाव का निर्णय

‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट’ के संयोजक देवेंद्र प्रसाद यादव होंगे। देवेंद्र यादव ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव का निर्णय ले चुकी है। हमारा फ्रंट जनता के निणर्य के साथ है। वर्तमान नीतीश सरकार का बिहार से जाना तय है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में हम नया बिहार बनाएंगे। वही हमारे नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे। इसके साथ ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट’ में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, हैदराबाद से सांसद असुद्दीन ओवैसी भी बिहार विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाएंगे।

रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पहले ही कह चुके हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन को हराने का मन बना चुकी है। जनता राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के 15 वर्षों के शासन को नहीं भूली है। इसी तरह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश सरकार के शासन में शिक्षा की बदहाली, बेरोजगारी और गरीबी से जनता परेशान रही है। ऐसे में आरएलएसपी, बीएसपी और एआइएमआइएम जनता को नया विकल्प देगी। ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट’ की बिहार में सरकार आने से राज्य में बदलाव की बयार बहेगी।

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