मोतिहारी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्थानीय भाजपा सांसद राधामोहन सिंह ने बुधवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पिछले आठ सालों से न्यू इंडिया की संकल्पना को साकार किया है।

राधामोहन सिंह ने कहा कि मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व में एक भारत-श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की आकांक्षा को प्रभावी और सुनियोजित तरीके से पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि 2014 का चुनावी जनादेश यूपीए सरकार के पॉलिसी पैरालिसिस, भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति के खिलाफ था।

सिंह ने कहा कि 135 करोड़ भारतीयों के सामर्थ्य और कौशल से संचालित और सबका साथ-सबका विकास,सबका प्रयास के मंत्र पर चलने वाली मोदी सरकार ने गरीबी दूर करने और देश को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से कई नई पहल की है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता पर पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है।जब हम भारतीयों के जीवन को बदलते हुए देखते हैं तो हमें खुशी होती है कि हमारी सरकार हमारे राष्ट्र को सशक्त बना रही है और समृद्धि की नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रही है।

सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नई और ऐसी राजनीति की शुरुआत हुई जिसने आम नागरिकों की भावनाओं को समेट लिया। लाल बत्ती की रोब और धमक पर विराम लग गया। दिल्ली की सत्ता के गलियारों से दलाल गायब हो गए।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में जन से लेकर धन तक से जुड़े सबसे ज्यादा फैसले लिए। फिर चाहे नोटबन्दी व जीएसटी हो या आयुष्मान भारत, जनधन योजना,उज्ज्वला स्कीम या किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं। योग को दुनिया भर् में नई पहचान दिलानी हो या कोरोना संकट में दुनिया के गरीब देशों की मदद करनी हो, जर मोर्चे पर उन्होंने देश की छवि मजबूत करने की कोशिश की है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में नोटबन्दी के फैसले का असर हुआ कि 2020 के चीन के 25.4 अरब की तुलना में भारत ने 25.5 अरब ऑनलाइन ट्रान्जेक्शन कर अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया जबकि पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक कर विश्व को भारत की शक्ति का एहसास कराया।

उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू कर एक देश-एक टैक्स की नीति को लागू की जिसका असर रहा कि जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ के पार हो कर नित नए रिकॉर्ड बना रहा है। श्री सिंह ने कहा कि तीन तलाक की प्रथा खत्म करने का असर रहा कि तलाक के 80 प्रतिशत मामले घटे। कानून लागू करने से पहले यूपी में 63 हजार केस थे जो कानून बनने के बाद सिर्फ 221 केस आये। जबकि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटा कर राज्य को मिले सभी विशेषाधिकार खत्म करना और सीएए लागू करने व सरकारी बैंकों के विलय सहित कई अन्य ऐतिहासिक निर्णय इन आठ वर्षों में लिए गए।

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