मुजफ्फरपुर: घर में फिर से वापस आना है तो पहले देवर या ननदोई (ननद का पति) से हलाला के बाद ही घर में एंट्री दि जाएंगी।

पिछले डेढ़ साल से मुजफ्फरपुर की तसीमा खातून अपने हक के लिए जूझ रहीं हैं। ससुराल पक्ष ने शर्त रखी है कि निकाह हलाला के बाद ही फिर होगा, फिर उसे अपने पति से फिर एक बार शादी करनी होगी।

तब कहीं जाकर घर में रहने दिया जाएगा। तसीमा बोली की मेरा आत्मा इस बात की गवाही नहीं दे रही है। कि हम किसी दूसरे के साथ शारीरिक संबंध और और फिर तलाक क्‍यों?

मुजफ्फरपुर का मामला क्या है?

भारत सरकार के ट्रिपल तलाक खत्‍म कर दिया गया है लेकिन वर्तमान समय में ऐसे ही एक मामला प्रकाश में आया है कि मुजफ्फरपुर के सकरा में तीन तलाक के बाद सवा साल से हलाला के लिए एक महिला पर दबाव बनाया जा रहा है।

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ससुराल पक्ष वाले का दबाव है कि देवर या ननदोई से हलाला के बाद ही उसका उसके पति फिर से निकाह कर सकती है जब तक वह इन दोनों के साथ हलाला नही होगा तब तक शादी फिर नहीं करेगें। इसके बाद सकरा थाने में 26 अगस्त 2022 को FIR दर्ज कराई।

मानवाधिकार के पास भी आवेदन देकर गुहार लगाई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिस पंचायती में तसीमा खातून को तीन तलाक दिया गया था, उसमें शामिल लोगों का बयान लिया जाएगा। फिलहाल, उसका पति कोलकाता में है।

वहां वो व्यवसाय करता है। दर्ज मामले मे ससुर, सास, ननद और देवर को आरोपी बनाया है। ससुर पर गलत नजर रखने का भी आरोप है।

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