पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के उन्मुखीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि वर्ष 2005 में हमने पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने लिए कानून बनाकर काम किया। राष्ट्रीय प्रावधान के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान किया गया था।

सीएम ने कहा कि वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं का चुनाव था। पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण देनेवाला बिहार पहला राज्य बना। इससे बड़ी संख्या में महिलाएं समाज में प्रतिनिधित्व करने आगे आयी । अब तो 50 प्रतिशत से भी अधिक महिलाएं चुनकर आने लगी हैं। वर्ष 2001 के चुनाव में किसी को कोई आरक्षण नहीं था। हम लोगों ने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकाय चुनावों में अति पिछड़े वर्ग को 20 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति को भी एक प्रतिशत के आरक्षण का प्रावधान कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग में केंद्र से जो पैसा आया उसमें पंचायत स्तर पर ही पैसा मिला। जिला और प्रखंड स्तर पर भी राशि मिलने के प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 से सात निश्चय का काम हम लोगों ने शुरू किया। इसके तहत हर घर नल का जल पहुंचाया गया। हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण कराया गया। हर घर में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। जहां पानी में आयरन, आर्सेनिक और फ्लोराइड की शिकायतें हैं वहां लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के माध्यम से लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति करायी जा रही है। बिहार में हर घर नल का जल लगभग पूरा कर लिया गया है, इसमें कई जगहों पर समस्याएं आयी उसका निदान कर काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि किसी के बहकावे में न आएं। आपको जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरा करें। जिला के सारे अधिकारियों से कहूंगा कि पहले जो कार्य किए गये हैं और उसमें अगर त्रुटि आयी है, कहीं कोई दिक्कत है तो उसका निदान करें। जो भी कार्य किये जा रहे हैं उन सब चीजों पर भी नजर रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू किया गया। बड़ी संख्या में महिलाएं जनप्रतिनिधि हैं। शराबबंदी के क्रियान्वयन पर नजर रखें। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर भी नजर रखनी है। समाज सुधार अभियान के तहत हम लोगों ने 12 जगहों पर कार्यक्रम किया। वर्ष 2018 के सर्वे के अनुसार 01 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। शराबबंदी लागू होने के बाद समाज में बड़ा परिवर्तन आया है। सब्जी, फल, दूध की बिक्री बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि अब इसको और विस्तार देते हुए हम लोगों ने ताड़ी की जगह नीरा का उत्पादन करने वालों को भी सहयोग दे रहे हैं। नीरा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। यह स्वादिष्ट है। इससे गुड़ और पेड़ा भी बनता है। नीरा का उत्पादन करनेवालों को जरूरत पड़ने पर एक लाख रुपये तक का सहयोग किया जायेगा । उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि प्रशिक्षण के दौरान अपने दायित्वों की पूरी जानकारी लें।

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