सीतारमन पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि सरकार फटाफट कदम उठाएगी। उन्होंने सोमवार को पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के अफसरों के साथ मीटिंग के बाद कहा था, ‘हमें कई सेक्टर्स से सुझाव मिल रहे हैं। हम उद्योगों की राहत के लिए जल्द उपाय करेंगे।’
ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से की जीएसटी में 10 फीसदी की कटौती की मांग, 28 की बजाय 18 पर्सेंट करने पर दिया जोर
ऑटोमोबाइल्स पर 28% के रेट से जीएसटी के साथ ही सेगमेंट के हिसाब से सेस भी लगता है। इससे कुल टैक्स बढ़ जाता है
मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कंपनियों को राहत देने के लिए विचार करने की बात कही
नई दिल्ली
सेल्स में तेज गिरावट से परेशान ऑटोमोबाइल कंपनियों ने डिमांड में बढ़ोतरी के लिए सरकार से जीएसटी रेट 28% से घटाकर 18% किए जाने की मांग की है। कंपनियां चाहती हैं कि सरकार उनके लिए जीएसटी रेट कम करने के साथ ज्यादा डेप्रिसिएशन बेनेफिट और अनुकूल स्क्रैपेज पॉलिसी भी लाए। उन्होंने सरकार से BS-VI नॉर्म्स लागू होने के बाद BS-V नार्म्स पर खरा उतरने वाली गाड़ियां बेचने की इजाजत दिए जाने की मांग की है। ऑटोमोबाइल कंपनियों ने सरकार के इलेक्ट्रिक वीइकल्स पर जोर देने पर भी सवाल उठाए हैं।
पैसेंजर वीइकल की सेल्स जुलाई में 31% घटकर लगभग दो लाख यूनिट पर आ गई थी। कंपनियों ने जब से सेल्स डेटा जारी करना शुरू किया है तब से अब तक की सबसे तेज गिरावट थी। इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव्स का कहना है कि डीलर्स के यहां ग्राहकों का आना कम हो गया है, जो बेहद कमजोर कंज्यूमर सेंटीमेंट का संकेत है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के मुताबिक, इंडस्ट्री में स्लोडाउन के चलते पिछले तीन महीने में दो लाख नौकरियां खत्म हुई हैं। RBI ने इकनॉमिक स्लोडाउन (साइक्लिकल ही सही) की बात मानते हुए बुधवार को रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कमी की।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि उद्योग के सुझावों पर विचार सलाह-मशविरे के बाद किया जाएगा। सीतारमन पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि सरकार फटाफट कदम उठाएगी। उन्होंने सोमवार को पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के अफसरों के साथ मीटिंग के बाद कहा था, ‘हमें कई सेक्टर्स से सुझाव मिल रहे हैं। हम उद्योगों की राहत के लिए जल्द उपाय करेंगे।’ मिनिस्ट्री के अफसरों ने मंगलवार को MSME सेक्टर के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। वे इसी हफ्ते फाइनेंशियल और रियल एस्टेट सेक्टर्स के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे।
सरकारी सूत्र ने कहा, ‘हमने उनकी बातें सुनीं। हम उनके सुझाव ले रहे हैं। हम उन पर विचार करेंगे। फिलहाल सलाह-मशविरा चल रहा है।’ मीटिंग के दौरान ऑटो इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने सरकार से बैंकों को यह निर्देश देने के लिए कहा कि वे सभी डीलर्स के साथ डिफॉल्टर जैसा व्यवहार न करें।