नई दिल्ली: सोमवार को हुई GST काउंसिल की बैठक में कारोबारियों को राहत देने के लिए कई अहम फैसले लिए गए. काउंसिल ने छोटे कारोबारियों को टैक्स रिटर्न भरने में बड़ी राहत का ऐलान किया है. अब करदाताओं को सालाना 24 रिटर्न की जगह सिर्फ 8 रिटर्न ही भरने होंगे. रिटर्न फाइलिंग में आधार को जरूरी कर दिया गया है.

मासिक रिटर्न से छूट
GST काउंसिल की बैठक में छोटे कारोबारियों को मासिक रिटर्न भरने से राहत देने का फैसला हुआ है. वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि 1 जनवरी 2021 से जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न दायर करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि तिमाही आधार पर रिटर्न भरना होगा.
इससे कारोबारियों की टैक्स रिटर्न भरने की चिंता काफी हद तक कम हो सकेगी.

हर महीने जमा करना होगा चालान
मासिक रिटर्न भरने से भले ही छोटे कारोबारियों को छूट मिली हो लेकिन इन लोगों को चालान का भुगतान हर महीने करना होगा. इस चालान में बहुत ज्यादा विवरण देने की जरूरत नहीं होगी. बिना किसी एक्सपर्ट और खातों की डिटेल के बिना ही इन चालानों का पैसा जमा कराया जा सकता है.

24 की जगह अब सिर्फ 8 रिटर्न
नई राहत के तहत करदाता को पहली तिमाही के कुल टैक्स का महज 35 फीसदी टैक्स ही जमा करना होगा. और तीसरे महीने वह टैक्स की वास्तविक रकम जमा कर सकता है. अभी तक एक करदाता को एक साल के भीतर 24 रिटर्न दाखिल करने होते थे. इस राहत के बाद उसे अब केवल 8 रिटर्न दाखिर करने होंगे.

रिटर्न फाइल में आधार जरूरी
जीएसटी रिफंड के मामलों में पहली जनवरी 2020 से केवल उन्हीं कंपनियों को रिफंड दिया जाएगा जिनका बैंक खाता पैन और आधार नंबर से लिंक होगा. जीएसटी काउंसिल ने रिफंड एप्लीकेशन को आधार से लिंक करने का फैसला किया है. जैसे ही कोई करदाता जीएसटी रिटर्न फाइल में आधार नंबर का उल्लेख करेगा, एक ओटीपी उसके रजिस्टर्ड फोन नंबर पर आएगा. इस ओटीपी नंबर को दर्ज करने के बाद रिटर्न फाइल साइन हो जाएगी.

HSN कोड लिखना जरूरी
जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा का है, उनको अप्रैल 2021 से 6 अंकों वाले एचएसएन कोड का उल्लेख करना अनिवार्य होगा. जिन लोगों का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये सालाना से कम है उन्हें एचएसएन कोड के 4 अंकों का उल्लेख करना होगा.

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