सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने यात्रियों के अधिकार को लेकर एक चार्टर तैयार किया है. इस चार्टर में यात्रियों को कई अधिकार दिए गए हैं, जिसका मकसद उनके हितों की रक्षा करना है.

नई दिल्ली: हवाई जहाज से सफर करने में कम समय जरूर लगता है, लेकिन एयरपोर्ट पर चेक इन करने में आपको बहुत ज्यादा समय लग जाता है. इसलिए आपको करीब 2-3 घंटे पहले पहुंचना होता है. ज्यादातर एयरपोर्ट शहर से बाहर होते हैं तो वहां तक पहुंचने का ट्रैवल टाइम भी ज्यादा होता है. इतना सबकुछ होने के बाद आपको एयरपोर्ट पर जाकर पता चलता है कि फ्लाइट कई घंटे के लिए लेट है.

ऐसे में अगर आप टिकट कैंसिल कराते हैं तो कैंसिलेशन जार्ज इतना ज्यादा है कि रिटर्न में कुछ नहीं मिलेगा. इन तमाम समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने यात्रियों के अधिकार को लेकर एक चार्टर तैयार किया है. इस चार्टर में यात्रियों को कई अधिकार दिए गए हैं, जिसका मकसद उनके हितों की रक्षा करना है. इस चार्टर के प्रमुख बातों को विस्तार से समझते हैं.

1. अगर एयरलाइन की वजह से कोई फ्लाइट चार घंटे से ज्यादा लेट होती है तो पैसेंजर्स के लिए मुफ्त में खाने का प्रबंध करना होगा. अगर फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट होती है तो पैसेंजर्स पूरा रिफंड मांग सकता है. अगर कोई फ्लाइट 6 घंटे से ज्यादा लेट होने वाली है तो एयरलाइन को 24 घंटे पहले पैसेंजर्स को इसकी सूचना देनी होगी.

2. जिस फ्लाइट की डिपार्चर टाइमिंग रात में 8 बजे के बाद और सुबह 9 बजे से पहले है, अगर वह कैंसिल होती है, या 6 घंटे से ज्याद लेट होती है तो एयरलाइन को पैसेंजर्स को मुफ्त में होटल और खाने का प्रबंधन करना होगा.

3. नये नियम के मुताबिक, अगर कोई फ्लाइट कैंसिल होती है तो पैसेंजर्स को दो हफ्ते पहले इसकी जानकारी देनी होगी. साथ ही एयरलाइन को दूसरे फ्लाइट का बंदोबस्त करना होगा या पूरा रिफंड करना होगा.

4. अगर कोई फ्लाइट लेट होती है तो एयरलाइन को पैसेंजर्स के लिए मुफ्त में रिफ्रेशमेंट और खाना उपलब्ध कराना होगा.

5. अगर कोई फ्लाइट ओवरबुक्ड हो जाती है. ऐसे में एयरलाइन को पैसेंजर्स के लिए एक घंटे के भीतर दूसरी फ्लाइट अरेंज करनी होगी. अगर वह ऐसा नहीं कर पाती है तो पैसेंजर्स मुआवजे की मांग कर सकते हैं.

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