नई दिल्ली। गोल्ड लोन (Gold Loan) लेना जितना आसान होता है, उसे न चुका पाना उतना ही कष्टकारी. समय पर भुगतान न कर पाने वाले ऐसे ही करीब 1 लाख परिवारों का सोना बैंक और एनबीएफसी (Bank & NBFC) नीलाम करने जा रहे हैं.
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दरअसल, गोल्ड लोन बाजार में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले मुत्थूट फाइनेंस और मणप्पुरम फाइनेंस ने नोटिस जारी कर कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट करने वालों का सोना नीलाम करने की बात कही है. अनुमान है कि इस बुधवार से नीलामी का पहला चरण शुरू हो जाएगा. NBFC और बैंक हर महीने ऐसे गोल्ड लोन के सोने की नीलामी करते हैं. अब एक लाख से अधिक डिफॉल्टरों के सोने की नीलामी 16 फरवरी को होगी।
कहीं आर्थिक मंदी का संकेत तो नहीं
एक्सपर्ट का कहना है कि गोल्ड लोन के बढ़ते डिफॉल्ट और सोने की नीलामी देश में आर्थिक मंदी की ओर इशारा करती है. कोरोनाकाल में लाखों लोगों का रोजगार चला गया या उनका कारोबार चौपट हो गया.
ऐसे लोगों ने सोना गिरवी रखकर लोन लिया, लेकिन दोबारा आमदनी नहीं हो पाने की वजह से इसे चुका नहीं पा रहे. यह ऐसी आर्थिक तंगी है जो दिखती नहीं है और बैंक इसका फायदा उठा रहे हैं.
तेजी से बढ़ रही गोल्ड लोन की मांग
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़े बताते हैं कि कोरोनाकाल में देश में गोल्ड लोन का चलन तेजी से बढ़ा है. जनवरी 2020 यानी कोविड से ठीक पहले देश के वाणिज्यिक बैंकों के कुल गोल्ड लोन का आकार महज 29,355 करोड़ रुपये था. यह दो साल में ढाई गुना बढ़कर 70,871 करोड़ पहुंच गया. देश की सबसे बड़ी गोल्ड लोन कंपनी मुत्थूट फाइनेंस का कुल लोन पोर्टफोलियो इस दौरान 39,096 करोड़ से बढ़कर 61,696 करोड़ हो गया है.