कोलकाता :  शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी माने जाने वासे प्रसन्न कुमार रॉय को लेकर रविवार को चौकाने वाले खुलासे हुए हैं।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक एसएससी भ्रष्टाचार मामले में पकड़े गये प्रसन्न रॉय भ्रष्टाचार के काले धन को सफेद करने का मास्टरमाइंड है। प्रसन्न ने करीब 100 निजी कंपनियों का जाल बनाया है। सीबीआई ने प्रसन्न के नाम से 83 कंपनियों का पता लगाया है।

एक ही पते पर कई कंपनियां रजिस्टर्ड : प्रसन्न रॉय 

जांच अधिकारियों का मानना है कि इन 83 में से ज्यादातर सेल कंपनियां हैं। प्रसन्न काले धन को एक से दूसरे कंपनी में घुमा कर सफेद करने का काम किया करता था। प्रसन्न की 80 कंपनियां लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) और तीन प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां हैं। एलएलपी कंपनियों में प्रसन्न ही पार्टनरशिप में है। प्रसन्न रॉय और उसकी पत्नी काजल सोनी रॉय शेष तीन प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में निदेशक या भागीदार हैं।

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सीबीआई को पता चला है कि प्रसन्न की राजारहाट में नौ, लेकटाउन में नौ और बांगुर एवेन्यू में नौ कंपनियां है। यानी एक ही पते पर कई कंपनियां रजिस्टर्ड है। सीबीआई इस सवाल का जवाब खोज रही है कि एक कारोबारी के नाम पर इतनी सारी कंपनियां क्यों खोली गईं। इनमें से प्रत्येक कंपनी की विस्तृत बैलेंस शीट की जांच की जा रही है।

पार्थ चटर्जी के करीब प्रसन्न रॉय के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन पहले ही सामने आ चुके हैं। इसके अलावा प्रसन्न कुमार एसएससी नियुक्ति मामले में बिचौलियों का सरगना है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार अभी कुछ और सनसनीखेज जानकारी आना बाकी है।

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