Ranchi : राजधानी रांची के रिंची हॉस्पिटल में आज भोरे-भोर बवाल हो गया। एक प्रसूता की मौत के बाद अस्पताल में मृतिका के परिजनों ने खूब हंगामा किया। मिली जानकारी के अनुसार डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत हो गयी, जबकि बच्चे को बचा लिया गया। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि करीब चार साल पहले ब्याही गयी पूजा कुमार पहली बार मां बनने वाली थी। इल्जाम है कि सबकुछ ठीक-ठाक था। डॉक्टर ने अचानक ऑपरेशन के लिये बोल दिया। इस दरम्यान दो बोतल खून और प्लाजमा की डिमांड की गयी। वह भी उपलब्ध करा दिया गया। बावजूद इसके पेशेंट को बचाया नहीं जा सका। मृतिका की बहन का कहना है कि पेशेंट का बीपी, पल्स सब निल हो गया था। फिर भी उसे 4 से पांच घंटे तक ICU में रखा गया। इसके बाद बताया गया कि बच्चा तो सुरक्षित है, पर प्रसूता की जान चली गयी। प्रसूता की मौत की खबर के बाद परिजनों का गुस्सा उबाल पर आ गया। गुस्साये परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर बवाल किया और फिर कटहल मोड़ के पास मुख्य सड़क जाम कर दिया। वे मुआवजे की मांग कर रहे हैं। वारदात की फैली खबर के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। नगड़ी डीएसपी अरविंद कुमार भी स्पॉट पर पहुंचे। लोगों का काफी समझाया-बुझाया, जिसके बाद जाम हटा लिया गया।

इधर, मामले में हॉस्पिटल के संचालक डॉ ओपी मनसरिया ने बताया कि शहर की बेहतरीन गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर चुन्नी झा की देखरेख में प्रसूता का इलाज चल रहा था। महिला सात महीने की प्रेगनेंट थी। बच्चा प्रीमैच्योर था। कुछ कॉम्प्लिकेशन आने के चलते ऑपरेशन करना पड़ा। डॉक्टर मनसरिया ने बताया कि परिजनों को बताया गया कि ऑपरेशन करना जरूरी है। परिजनों ने डिसिजन लेने में चार से पांच घंटे लगा दिये। तबतक प्रसूता की तबीयत और बिगड़ने लगी। ऑपरेशन करना पड़ा, जान बचाने की पूरी कोशिश की गयी, पर उसे बचाया नहीं जा सका। डॉक्टर मनसरिया ने इस बात का भी जिक्र किया कि हेल्थ मिनिस्टर इरफान अंसारी के आदेशानुसार मृतिका का सारा बिल माफ कर दिया गया है। बावजूद इसके परिजन बवाल कर रहे हैं।

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