1 जून से गूगल एक बड़ा बदलाव कर रहा है. गूगल फोटोज में 1 जून के बाद से अनलिमिटेड फोटोज अपलोड नहीं कर सकेंगे. अब यहां आपको ये समझना जरूरी है कि सिर्फ फोटो ही नहीं, बल्कि काफी कुछ 1 जून से बदलने वाला है.
गूगल के मुताबिक 15GB का स्पेस हर जीमेल यूजर्स को दिया जाएगा. इस स्पेस में जीमेल के ईमेल्स भी शामिल हैं और साथ ही आपके फोटोज. इसमें गूगल ड्राइव भी शामिल है जहां आप बैकअप लेते हैं. अगर 15GB से ज्यादा स्पेस यूज करना है तो इसके लिए पैसे देने होंगे. Google One के तहत कंपनी के पास 2TB तक के स्पेस का प्लान है जो आप खरीद सकते हैं. महीने का और साल का पैसा लगता है. आप सेलेक्ट कर सकते हैं कि आपको मंथली पेमेंट करना है या फिर सालाना.
Google Photos के लिए तीन तरह का स्टोरेज मिलता है..
हाई क्वॉलिटी, ओरिजनल क्वॉलिटी और एक्स्प्रेस क्वॉलिटी. High Quality के तहत 16 मेगापिक्सल तक के फोटोज बैकअप होते हैं और वीडियो फुल एचडी.
Original Quality की बात करें तो इसके तहत आप जैसी फोटोज फोन में है वो बिना बदलाव के सेव होगी. क्वॉलिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
Express Quality में तस्वीरों और वीडियोज को कंप्रेस करके अपलोड किया जाता है और यहां क्वॉलिटी के साथ समझौता होता है.
इनमें से ओरिजनल क्वलिटी सेलेक्ट करने पर अभी भी पैसे लिए जाते हैं. लेकिन हाई क्वॉलिटी और एक्स्प्रेस क्वॉलिटी में बैकअप ली गईं फोटोज फ्री होती हैं. 1 जून से यही बदलने वाला है.
1 जून से High Quality और Express Quality फोटोज बैकअप लेने के लिए पैसे लगेंगे. 15GB स्पेस खत्म हुआ तो आपको गूगल वन के जरिए क्लाउड स्पेस खरीदना ही होगा.
1 जून से पहले अपलोड की गई तस्वीरों या वीडियोज पर नहीं लागू होगा नया नियम…
ध्यान देने वाली बात ये है कि 1 जून से पहले तक जितनी भी तस्वीरें गूगल फोटोज पर अपलोड कर लें, कोई दिक्कत नहीं है. ये नियम 1 जून से लागू होगा. इसलिए उससे पहले तक आप जितना चाहें बैकअप ले सकते हैं. अगर आप गूगल फोटोज पर ज्यादा डिपेंडेंट हैं और आपको लगता है कि गूगल फोटोज को पैसे नहीं दे सकते तो इसका आसान उपाए है. आप ट्रेडिशनल तरीका अपनाते हुए पेन ड्राइव, ओटीजी या फिर हार्ड ड्राइव खरीद सकते हैं. ओटीजी को आप डायरेक्ट फोन में लगा कर बैकअप ले सकते हैं और फिर जरूरत पड़ने पर उसे लैपटॉप में भी लगा सकते हैं.

Google Photos के दूसरे विकल्प की बात करें तो भी आपको कई क्लाउड स्टोरेज मिलेंगे. लेकिन हमने जहां तक तुलना की है तो दूसरे क्लाउड स्टोरेज पर भी आपको गूगल क्लाउड से ज्यादा या इससे बराबर ही पैसे देने होंगे. हालांकि दूसरे क्लाउड सर्विस पर फ्री के कुछ स्पेस मिल जाते हैं जैसे 5GB तक का स्पेस. लेकिन अलग अलग क्लाउड स्टोरेज पर अपना 5-5GB डेटा रखना भी आपके लिए सही नहीं होगा.
प्राइवेसी के नजरिए से बात करें तो पेन ड्राइव या किसी भी फिजिकल ड्राइव में स्टोर किया हुआ डेटा क्लाउड से ज्यादा सिक्योर है. क्योंकि क्लाउड स्टोरेज को हैकर्स हैक कर सकते हैं, आपकी जेब में पड़ी पेन ड्राइव को हैकर्स नहीं हैक कर सकेंगे.

Show comments
Share.
Exit mobile version