लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां उच्चस्तरीय बैठक कर प्रदेश में कोविड व्यवस्था के साथ विकास कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में चल रही विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे को जून तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पावन ‘बड़ा मंगल’ के दृष्टिगत स्वच्छता, पेयजल आदि की आवश्यक व्यवस्था कराई जाए। लोगों की धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धार्मिक आयोजनों से सड़क यातायात बाधित न हो। धार्मिक कार्य निर्धारित स्थलों पर ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही अंतिम चरण में है। इसे जून अंत तक पूर्ण करा लिया जाए। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही में तेजी की अपेक्षा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक जिलों में उत्तर प्रदेश के सभी आठ जिलों ने विकास के विविध मानकों पर सराहनीय कार्य किया है। नीति आयोग ने भी विभिन्न जनपदों के प्रयासों को सराहा है। प्रदेश के सभी आकांक्षात्मक जिलों की अब तक की प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करें। इसी प्रकार, 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों की कार्यवाही की जानी चाहिए।
योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार की भावी कार्ययोजना के सम्बंध में विगत दिनों मंत्रिपरिषद के समक्ष सेक्टरवार प्रस्तुतिकरण हो चुका है। सभी 10 सेक्टरों के लिए 10 वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त कर कार्ययोजना के क्रियान्वयन व प्रगति की सतत मॉनिटरिंग की जाए।
इसके साथ ही उन्होंने सड़क सुरक्षा के व्यापक महत्व को देखते हुए पुलिस, यातायात, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवहन, नगर विकास, पीडब्ल्यूडी आदि संबंधित विभागों के परस्पर समन्वय के साथ जागरूकता अभियान की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 18 मई को इस कार्ययोजना के साथ प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ संवाद होगा। इसके उपरांत सड़क सुरक्षा अभियान प्रारंभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों के पालन के लिए विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है। ट्रैफिक नियमों के पालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दिया जाना चाहिए। यातायात नियमों के संबंध में प्रधानाचार्यों, प्राचार्यों, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए। अभिभावकों के साथ भी विद्यालयों में बैठक हो। स्कूली बच्चों को जागरूकता विषयक प्रभात फेरी निकालनी चाहिए। लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए पालन करने के लिए जागरूक किया जाए।