नई दिल्ली। विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता गणेश भगवान के महापर्व गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. 10 सितंबर 2021, यानि शुक्रवार को घर-घर में गणपति बप्पा विराजेंगे. इस उत्सव का समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा. इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डंडा चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है. गणेश जी वैसे तो अपने भक्त के हर कष्ट, दुख और दरिद्रता को दूर करते हैं, लेकिन गणेश जी के 10 नामों का यदि लगातार जाप ​करें, तो जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानी दूर होगी, साथ ही धन-धान्य की भी कमी नहीं होगी.

पूजन विधि 
गणेश चतुर्थी वाले दिन सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्ति होकर सोना, तांबा, चांदी, मिट्टी या गोबर से गणेश जी की मूर्ति बनाकर पूजा करनी चाहिए. पूजन के समय 21 मोदकों का भोग लगाते हैं तथा हरी दुर्वा के 21 अंकुर लेकर दो-दो करके गणेश जी के 10 नामों का जाप करें.

ये हैं गणेश जी के 10 नाम 
1. गताधिप:, 2. गौरी सुमन, 3. अघनाशक, 4. एकदन्त, 5. ईशपुत्र, 6. सर्वसिद्धिप्रद, 7. विनायक भगवन्त, 8. कुमार गुरु, 9.  इंभवक्त्राय और 10. मूषक-वाहन संत. गणेश जी के 10 नामों का जाप करने के बाद 21 में से 10 लड्डू ब्राह्मणों को दान में दें और ग्यारह लड्डू स्वयं खाने चाहिये.

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त 
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि इस दिन पूजा का शुभ मुहुर्त मध्याह्न काल में है. वैसे तो तिथि की शुरुआत पूर्वाह्न 11:03 बजे से अपराह्न 1:33 बजे तक है, यानि पूजा का मुहूर्त दो घंटे 30 मिनट तक माना गया है. हालांकि इसका शुभ मुहूर्त अपराह्न 12:18 बजे से चतुर्थी तिथि की समाप्ति रात 9:57 बजे तक है.

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