Ranchi : कांग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि एसटीपी और एससीएसपी का मूल उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विकास में तेजी लाना है, ताकि समाज के बाकी हिस्सों की तुलना में विभिन्न विकास के मापदंडों के अंतर को पाटा जा सके। इंदिरा गांधी द्वारा 1975-76 और 1979-80 में उप योजना शुरु किया गया था। केंद्र सरकार एससी-एसटी के अधिकारों को वृहद स्वरूप देने के बजाय उनके बजट के प्रावधान में कमी कर रही है। यह बातें प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस भवन में मीडिया से बातचीत के दरम्यान कही। प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि वर्तमान बजट में केंद्र सरकार ने SC-ST के बजट में 3.4% एवं 2.6% का आवंटन किया है, जिससे अनुसूचित जाति को करीब पौने 12 लाख करोड़ तथा अनुसूचित जनजाति को साढ़े पांच लाख करोड़ के बजट के समर्थन का नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने 2025 के चुनाव घोषणा पत्र में SC-ST उप योजना पर केंद्रीय कानून बनाने का वादा किया था। केंद्र सरकार को इन समुदायों की मजबूती के लिए उप योजनाओं के लिए कानून बनाना चाहिए।
वहीं, मौके पर मौजूद वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि SC-ST की उप योजना को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाना नितांत आवश्यक है। यूपीए के शासनकाल में दोनों योजनाओं पर कानून बनाने की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन 2014 के चुनाव के कारण यह संभव नहीं हो पाया। अनुसूचित जाति जनजाति उप योजना के कार्यों के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को जवाबदेह बना सकती है। गुजरे तीन वित्तीय वर्षों के दरम्यान केंद्र सरकार ने झारखंड को अनुसूचित जनजाति उप योजना के तहत 3515 करोड़ एवं अनुसूचित जाति उप योजना में 2475 करोड़ उपलब्ध कराया था, जबकि यह राशि कम से कम 10 हजार करोड़ की होनी चाहिए।
डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति उप योजना की राशि का दुरुपयोग होता है कई राज्य इस राशि को डायवर्ट करके दूसरी योजनाओं में खर्च करते हैं जिससे यह इन समुदाय के विकास का मूल उद्देश्य प्राप्त नहीं कर पाता। एक राज्य में टीएसपी के पैसे से पुलिस के लिए गोलियां खरीदी गई, दूसरे राज्य में स्टेट ट्रांसपोर्ट का हेड क्वार्टर बनाया गया, जिसका कोई मतलब नहीं। राहुल गांधी की कानून बनाने की मांग जायज है ताकि इस फंड का सही ढंग से उपयोग हो सके केंद्र सरकार को जल्द से जल्द कानून बनाना चाहिए ताकि राशि का स्थानांतरण रोका जा सके। एसटीपी और एससीएसपी के फंड का स्पेशल ऑडिट होना चाहिए ताकि पता चले कि केंद्र में ने कितनी राशि दी और वह कहां खर्च हुए।
कांग्रेस विधायक दल नेता राजेश कच्छप ने कहा कि टीएसपी एससीएसपी के पैसे से रघुवर सरकार ने ग्लोबल सबमिट कराया, एयरपोर्ट का ग्रीन कॉरिडोर बनवाया गया, यह आदिवासी समुदाय के अधिकारों का हनन है। गवर्नेंस को जिम्मेदार बनाने के लिए कानून जरूरी है। इस फंड के लिए कानून बनने से एससी एसटी के विकास कार्यों को धार मिलेगी व्यापक रूप से योजनाएं बनाने को राज्य सरकारें बाध्य होगी तथा सुदूर अनुसूचित जाति जनजाति समुदायों के क्षेत्र में समान रूप से विकास की योजनाएं धरातल पर उतरेंगी। कानून के अभाव में राशि की निगरानी नहीं हो पाती जिससे राशि मूल प्रकृति के कार्यों में खर्च न होकर अन्य मदों में खर्च कर दी जाती है। संविधान के अनुच्छेद 275(1) द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति को प्रदत्त अधिकार कानून के अभाव में मृतप्राय है। मौके पर मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, अध्यक्ष सतीश पॉल मुजनी, प्रवक्ता सोनाल शांति, खुर्शीद हसन रुमी और जगदीश साहू भी मौजूद थे।
इसे भी पढ़ें : जल आपूर्ति मंत्री के भाई और रिश्तेदारों के घर ED की रेड