नई दिल्ली। लद्दाख में भारत के पलटवार जवाब के कारण चीन के आक्रामक रुख में अब नरमी दिखने लगी है। गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच पेइचिंग ने झुकते हुए गलवान घाटी में संघर्ष वाली जगह से 1.5 किलोमीटर अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है। बता दें कि दोनों देश तनाव को कम करने के लिए कई दौर की कमांडर स्तर की बातचीत कर चुके हैं।
जानकार इसे तनाव घटाने की तरफ पहला कदम मान रहे हैं। बता दें कि 15 जून की रात दोनों देशों के जवानों के बीच खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं। सेना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने अपने कैंप भी पीछे हटाए हैं। हालांकि इस पर अभी सेना का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बफर जोन बना गलवान घाटी
खबरों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों की सेना ने रिलोकेशन पर सहमति जताई थी। बताया जा रहा है कि गलवान घाटी को अब बफर जोन बना दिया गया है ताकि आगे फिर से कोई हिंसक घटना न हो।
दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे
ईस्टर्न लद्दाख में गलवान एरिया में एलएसी के पास भारत और चीन के सैनिक कुछ पीछे हटे हैं। सूत्रों के मुताबिक 30 जून को हुई कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में बनी सहमति के आधार पर गलवान एरिया में डिसइंगेजमेंट यानी सैनिकों का पीछे हटना शुरू हुआ। गलवान एरिया में पट्रोलिंग पॉइंट 14 यानी पीपी-14 के पास से यह मूवमेंट हुई है। यह वही एरिया है जहां पर 15 जून की रात को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। यहां पर चीनी सैनिक भारत की परसेप्शन लाइन से आगे आ गए थे। अब चीनी सैनिक करीब 1.5 किलोमीटर पीछे हुए हैं। इसी तरह भारतीय सैनिक भी पीछे हटे हैं।