नई दिल्ली। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के कायरता की कहानी धीरे-धीरे दुनिया के सामने आ रही है। चीनी सैनिकों से संघर्ष में घायल एक जवान ने अपने पिता को उस रात की कहानी बताई। जवान ने चीनी सैनिकों के धोखे और मक्कारी की बात फोन पर बताई।

चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल जवान सुरेंद्र सिंह ने राजस्थान के अलवर में रहने वाले अपने पिता बलवंत सिंह को फोन उस रात की सारी कहानी बताई। एक निजी टीवी चैनल के अनुसार, जवान सुरेंद्र सिंह के पिता बलवंत ने कहा, ‘उस दिन मेरे पास 11-12 बजे रात अचानक फोन आया। मैंने पूछा कि कहां तो उसने बताया कि अस्पताल में हूं। लेह के आसपास कहीं हूं। मैं ठीकठाक हूं।’ जवान ने चीनी सैनिकों की मक्कारी पिता को बताई। जवान ने फोन पर कहा, ‘हम 300-400 जवान थे। चीनी सैनिक अचानक आ गए। वे 2000-2500 तक थे। उनके पास रॉड और डंडे थे। अचानक वे पत्थर चलाने लगे। हमारे पास हथियार नहीं था। मेरे सिर पर 10-12 टांके लगे हैं, हाथ-पांव में चोट लगी है।’

जवान की पत्नी ने बताई पति की बहादुरी

घायल जवान सुरेंद्र की पत्नी गुरप्रीत कौर ने अपने पति की बहादुरी की कहानी बताते हुए कहा कि उसने चीन के दो-तीन सैनिकों को मारा। उन्होंने बताया कि जवानों के पास कोई हथियार नहीं था, ये निहत्थे थे। बातचीत का माहौल था, बातचीत से मसले के हल की बात हो रही थी। तभी चीनी सैनिक हथियार के साथ आ गए।

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