Dhanbad : CM हेमंत सोरेन ने कहा कि “हम सभी वर्गों को हक-अधिकार देने का काम करे रहे हैं। राज्य की 50 लाख से अधिक मंईयां को सशक्त करने के लिए सम्मान राशि दी जा रही है। हमें अधिकार मांगने से नहीं मिलता है, उसे छीनना पड़ता है। केंद्र सरकार को झारखण्ड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए देना होगा, नहीं तो कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो खदान भी बंद कर दिया जाएगा। झारखण्ड के साथ सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। झारखंड में बीडीओ/सीओ ऑफिस दलालों का जमावड़ा हो गया है और विशेषकर जमीन दलालों का। इन सब में लिप्त बीडीओ/सीओ कार्यालय से जुड़े लोगों के खिलाफ मुहिम चलाया जाएगा और उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा।” मौका था धनबाद के रणधीर वर्मा स्टेडियम गोल्फ ग्राउंड में आयोजित झारखंड मुक्ति मोर्चा के 53वां स्थापना दिवस समारोह का। समारोह में CM हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, तमाम विधायक और पार्टी के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य मौजूद रहे।

मौके पर CM हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना काल में लोगों की सेवा करते-करते हमारे दो मंत्री शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि झारखंड की खनिज संपदा से पूरा देश रौशन होता है और उसी झारखंड के लोग भूख से मरने लगे। तब जाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा जो हमेशा एक सिपाही की भूमिका में रही, उसने ये संकल्प लिया कि सत्ता से इन बेईमानों को बेदखल करना होगा। तब हमने एक लंबा संघर्ष यात्रा निकाला और जनता के आशीर्वाद से हमने साल 2019 में सत्ता वापस पाया।

उन्होंने कोयला रॉयल्टी के बकाया राशि की बात करते हुए कहा अधिकार छिनने से मिलता है। यहां के सांसद जब दिल्ली जाते है तो झारखंड का हक मांगने की जगह अपने मुंह पर टेप साट लेते हैं। लेकिन हम अपना अधिकार लेके रहेंगे। इसके लिए जरूरत पड़ी तो कानूनी रास्ता अख्तियार किया जाएगा और इससे भी बात नहीं बनी तो यहां का कोयला खदान बंद कर दिया जाएगा।

वहीं कल्पना सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन जब जेल गए थे, तब वो हेमंत सोरेन थे, लेकिन जब वह जेल से बाहर आए तो वह गुरुजी बनकर बाहर निकले। उन्होंने कहा कि महिला अब झारखंड में अंबाला नहीं है, क्योंकि महिलाओं के पास महिला सम्मान योजना है। मंईयां सम्मान योजना महिलाओं की जीत है।

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