शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक समेत चीनी ऐप के बैन होते ही भारत में रातोंरात देसी ऐप की डिमांड बढ़ गई। चिंगारी, रोपोसो, ट्रेल, शेयर चैट समेत कई देसी ऐप्स को रिकॉर्ड डाउनलोड मिले हैं।
KalaGato की एक रिपोर्ट, देसी ऐप्स का एंगेजमेंट लेवल टिकटॉक की तुलना में बेहद कम है
पहले टिकटॉक इस्तेमाल कर चुके कुछ यूजर्स को इन ऐप्स का अनुभव अच्छा नहीं लग रहा है
शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक समेत चीनी ऐप के बैन होते ही भारत में रातोंरात देसी ऐप की डिमांड बढ़ गई। चिंगारी, रोपोसो, ट्रेल, शेयर चैट समेत कई देसी ऐप्स को रिकॉर्ड डाउनलो मिले हैं। KalaGato की एक रिपोर्ट, देसी ऐप्स का एंगेजमेंट लेवल टिकटॉक की तुलना में बेहद कम है
पहले टिकटॉक इस्तेमाल कर चुके कुछ यूजर्स को इन ऐप्स का अनुभव अच्छा नहीं लग रहा है
शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक समेत चीनी ऐप के बैन होते ही भारत में रातोंरात देसी ऐप की डिमांड बढ़ गई। चिंगारी, रोपोसो, ट्रेल, शेयर चैट समेत कई देसी ऐप्स को रिकॉर्ड डाउनलोड मिले हैं। लेकिन अब इन ऐप्स कंपनियों के सामने समस्या यूजर्स खोने को खोने का है। इनके लिए यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर रोके रखना बड़ी चुनौती बन गई है। इसके लिए देसी ऐप कंपनियों ने एड़ी-चोटी की जोड़ लगा दी है। अब कंपनियां ज्यादा से ज्यादा यूजर्स को लुभाने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रही है। ये ऐप्स अब कॉम्पटीशन और फीचर्स के जरिए यूजर्स को लुभाने की कोशिश में हैं। हाल ही में KalaGato की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देसी ऐप्स का एंगेजमेंट लेवल टिकटॉक की तुलना में बेहद कम है। पहले टिकटॉक इस्तेमाल कर चुके कुछ यूजर्स को इन ऐप्स का अनुभव अच्छा नहीं लग रहा है।
चिंगारी ऐप ने रखा एक करोड़ का इनाम
टिकटॉक पर प्रतिबंध लगने के बाद भारतीय शॉर्ट वीडियो एप चिंगारी को काफी फायदा हुआ। हर घंटे इस एप को लाखों लोग डाउनलोड करने लगे और मिलियन में वीडियोज देखे जाने लगे। चिंगारी एप को अभी तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड कर लिया है। हाल ही में पनी ने अपना पहला डिजिटल टैलेंट हंट शो पेश किया जिसे चिंगारी स्टार्स: टैलेंट का महासंग्राम नाम दिया गया।
टैलेंट का महासंग्राम के तहत बेस्ट कंटेंट क्रिएटर को एक करोड़ रुपए का इनाम दिया गया है, वहीं देश के प्रत्येक राज्य के बेस्ट कंटेंट क्रिएटर को पांच लाख रुपए इनाम देने का ऐलान किया गया है। इस शो की घोषणा करते हुए चिंगारी एप के को-फाउंडर सुमित घोष ने कहा कि इस शो का मकसद देसी टैलेंट को एक मुकाम देना है।
रोपोसो ने की ‘प्राइड ऑफ इंडिया’ प्रोग्राम की शुरुआत
टिकटॉक बैन होने के बाद रोपोसो को जबरदस्त पॉपुलैरिटी मिला है। गूगल प्ले स्टोर के मुताबिक इस भारतीय ऐप को अभी तक 5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है वहीं, ऐप की रेटिंग भी 4.2 है। हाल ही में रोपोसो ने ‘प्राइड ऑफ इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसमें अर्जुन अवार्डी पहलवान बबीता फोगाट, रॉबिनहुड आर्मी के फाउंडर नील घोष, ‘शूटर दादी’ चंद्रो तोमर और पहलवान संग्राम सिंह जैसे कई दिग्गजों ने अपना योगदान दिया। ऑनलाइन कॉम्पटीशन के जरिए रोपोसो बेस्ट क्रिएटर्स के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा की है। इनमें से लगभग 10 प्रतियोगिताएं राष्ट्रीय स्तर पर होंगी और इसमें बड़े ब्रांड एंडोर्समेंट शामिल होंगे। कॉम्पटीशन के जरिए एंगेजमेंट को बढ़ाने के साथ ही इन प्लेटफॉर्म्स पर बड़े कैश प्राइज का भी ऐलान किया जा रहा है। इसके अलावा भी ये ऐप्स क्रिएटर्स को डेली बेसिस पर ज्यादा व्यूज वाले कंटेन्ट पर कुछ इनसेंटिव्स भी दे रहे हैं।
रोपोसो यूजर्स को कैश भी दे रही है
रोपोसो ऐप्स पर कुछ वीडियो पर एक तय नंबर से ज्यादा व्यूज मिलते हैं तो क्रिएटर को उसी अनुपात में कॉइंस मिलते हैं. यूजर्स इस कॉइंस को कैश आउट कर अपने मोबाइल वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं. 1 लाख कॉइंस के बदले में यूजर्स को 100 रुपये मिलते हैं.
ट्रेल शुरु करने जा रही है एंगेजमेंट लाइव टॉक शो
ट्रेल जल्द ही एंगेजमेंट लाइव टॉक शो होस्ट करेगा। टाॅक शो में भाग लेने वाले मेकर और वीडियो क्रिएटर्स को इंटरेस्टिंग और यूनिक कंटेन्ट पर इनाम राशि मिलेगी। इसके अलावा यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को अपने इंटरफेस के जरिए इनाम राशि और गिफ्ट की सुविधा भी देता है। भारत के वीडियो पिनट्रेस्ट के नाम से लोकप्रिय ट्रेल यूजर को विभिन्न कैटेगरी जैसे हेल्थ व फिटनेस, ब्यूटी और स्किनकेयर, ट्रैवल, मूवी रिव्यू, कुकिंग और होम डेकोर से संबंधित अपने अनुभव, सुझाव और रिव्यू साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है। यह लाइफस्टाइल ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म यूजर को 5 मिनट के वीडियो अपनी भाषा में बनाने की सुविधा देता है। इसके साथ ही एप व्लॉग में दिखाए गए प्रोडक्ट को खरीदने के लिए ‘शॉप’ फीचर भी देता है। इसके अलावा इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से यूजर रिवॉर्ड, गुडीज और वैकेशन भी हासिल कर सकते हैं। इसके जरिए यूजर्स को डिस्काउंट में शापिंग का ऑफर भी दिया जा रहा है।
‘एंगेजमेंट बढ़ाने में इन ऐप्स को लगेगा समय’
जानकारों का कहना है कि कोई भी ब्रांड एक रात में तैयार नहीं होता है। इन प्लेटफॉर्म को टिकटॉक के लेवल तक पहुंचने में कुछ साल लग सकते हैं। एंगेजमेंट बढ़ाना एक धीमी प्रक्रिया है। अमूमन इसमें 2 से 3 साल का समय लगता है। टिकटॉक पर जो एंगेजमेंट था, वो इनमें से किसी भी ऐप पर नहीं मिल रहा है। इन ऐप्स कोई लुभावने फीचर्स और कॉम्पटीशन के बाद भी कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ेगा। यह एक तरह की ब्रांड बिल्डिंग प्रक्रिया है और इसमें समय लगेगा।