Mumbai : महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में बढ़ते प्रदूषण के कारण डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की है। इसके लिए एक 7-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो अगले तीन महीनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों और अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। समिति का नेतृत्व रिटायर्ड IAS अधिकारी सुधीर श्रीवास्तव करेंगे, जिसमें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, जॉइंट पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक, महानगर गैस लिमिटेड के MD, पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अध्यक्ष और जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शामिल होंगे।

यह समिति मुंबई महानगर क्षेत्र, जिसमें ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिले भी शामिल हैं, में डीजल-पेट्रोल वाहनों के उपयोग पर अध्ययन करेगी। इसके साथ ही, बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को निर्देश दिया गया है कि वे लकड़ी और कोयले का उपयोग करने वाली बेकरी को 6 महीने के भीतर गैस या अन्य हरित ईंधन का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें।

मुंबई में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है, और शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 512वें स्थान पर है। 28 जनवरी 2025 को मुंबई में वायु प्रदूषण का स्तर (AQI) 193 PM2.5 और 159 PM10 था।

2021-2022 में मुंबई में 35 लाख से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से अधिकांश डीजल और पेट्रोल से चलने वाले हैं। अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे महाराष्ट्र सरकार की यह पहल महत्वपूर्ण हो जाती है।

इस कदम से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यह शहर की हवा की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करेगा। सरकार का यह प्रयास प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में सहायक होगा।

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