नई दिल्ली। पिछले दो सालों में युवाओं में दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं. अब तक 35 साल से कम लोगों में हार्ट अटैक से मौत के कम मामले सामने आते थे. अगर ऐसा होता भी था तो इसके पीछे कोई खास तरह की फिजिकल एक्टिविटी या फिर बहुत खराब लाइफस्टाइल को वजह माना जाता था. हालांकि कोरोना वायरस ने अब दिल की बीमारी की कई नई वजहों को जन्म दिया है.

मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के कार्डियोवस्कुलर थोरैसिक सर्जन, वीसी और एमडी डॉक्टर रमाकांत पांडा ने मीडिया से खास बातचीत में युवाओं में हार्ट अटैक से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी हैं. डॉक्टर पांडा के मुताबिक, अगस्त में 28 साल का एक युवक सीने में तेज दर्द और सांस की शिकायत लेकर अस्पताल आया था. युवक को पोस्ट कोविड हार्ट अटैक आया था. ब्लड थिनर की वजह से उसे समय रहते बचा लिया गया.

युवाओं में हार्ट अटैक पर स्टडीज- युवाओं में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों को समझने के लिए पिछले 2 सालों में कई स्टडीज की गई हैं. इसी साल अगस्त में की गई यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की स्टडी में युवाओं में ज्यादा शराब और स्मोकिंग की आदत को हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का जिम्मेदार माना गया है. स्टडी के अनुसार, शराब और स्मोकिंग का असर ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रोल और ब्लड ग्लूकोज पर पड़ता है. जंक और फैटी फूड की वजह से धमनियां सख्त हो जाती हैं जो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं.

इसी साल अगस्त के महीने में अमेरिका के मिनेसोटा स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ यूनिवर्सिटी में भी 18 से 30 साल के 4,946 लोगों पर एक स्टडी की गई. स्टडी के अनुसार, 52%  लोगों में दिल की बीमारी का खतरा कम पाया गया. ये लोग सेहतमंद और प्लांट बेस्ड खाना खाते थे. इनमें 30 की उम्र के बाद हृदय रोग विकसित होने की संभावना जताई गई. वहीं अप्रैल में की गई अमेरिकन हार्ट इंस्टीट्यूट की स्टडी में मोटापे को दिल की बीमारी की मुख्य वजह मानी गई. मोटापे से स्लीप डिसऑर्डर, डायबिटीज और हाइपरटेंशन भी बढ़ जाता है. अल्बर्टा यूनिवर्सिटी की स्टडी में युवाओं के हार्ट अटैक को कोलेस्ट्रोल और मोटाप से जोड़ा गया.

ब्रिटिश पत्रिका नेचर की अक्टूबर 2020 की स्टडी के अनुसार कुछ लोगो में दिल की बीमारी जन्मजात ही होती है. स्टडी में ऐसे लोगों को ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने की सलाह दी गई है क्योंकि इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा कम होता है. डॉक्टर्स भी युवाओं खुद को दिल की बीमारियों से दूर रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने, हेल्दी खाने और एक्टिव रहने की सलाह देते हैं.

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