नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग अपने वेदर बुलेटिन में पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के इलाकों को भी शामिल किया है। मौसम विभाग ने गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के लिए भी मौसम की भविष्यवाणियां करना शुरू कर दिया है।
उधर भारत के इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान (Pakistan) ने अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, ‘पिछले साल भारत की ओर से जारी किए गए तथाकथित राजनीतिक नक्शे की तरह ही यह कदम भी पूरी तरह से अवैध, वास्तविकता के विपरीत और यूएनएससी के प्रस्तावों का उल्लंघन है। यह भारत का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है। पाकिस्तान भारत के इस वेदर बुलेटिन को खारिज करता है।’
भारत में सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस कदम की कल्पना ‘कुछ समय पहले ‘ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने की थी। औपचारिक प्रस्ताव करीब 3 महीने पहले तैयार किया गया और डेप्युटी नेशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर (स्ट्रैटिजिक अफेयर्स) राजिंदर खन्ना के ऑफिस से 3 फरवरी को विदेश और गृह मंत्रालय के सचिवालय और भारत के दो प्रमुख इंटेलिजेंस एजेंसियों इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (RAW) को भेजा गया। उन्होंने औपचारिक मंजूरी पिछले सप्ताह दी।
दूरदर्शन को आदेश, निजी चैनल भी तैयार
इस सप्ताह सरकार ने दूरदर्शन से कहा कि पीओके के मीरपुर, मुजफ्फराबाद और उत्तरी इलाके गिलगित को भी मौसम की खबरों में शामिल किया जाए, जिसे पाकिस्तान गिलगित बाल्टिस्तान कहता है। कुछ निजी समाचार चैनलों ने भी कहा है कि वे भी वेदर बुलेटिन में बदलाव करते हुए इसे शामिल करेंगे। इस्लामाबाद ने जम्मू-कश्मीर के 86 हजार स्क्वायर किलोमीटर भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है।
चीन के लिए लिहाज से भी अहम
संप्रभुता पर यह जोर इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा गिलगित बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है, जो क्षेत्रफल में केरल से करीब दोगुना है। कुछ सालों पहले चीन ने जब बेल्ट ऐंड रोड इनिशिटिव की शुरुआत की तो उसे उम्मीद थी कि भारत इसमें शामिल होगा, यद्यपि यह पीओके से गुजर रहा था। जब भारत ने इसका विरोध किया तो बीजिंग ने कहा कि नई दिल्ली इसमें शामिल हो क्योंकि इससे दो देशों के बीच विवाद के रूप में कश्मीर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा।