कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक और जीत मिलती दिखाई दे रही है। चीन के वैज्ञानिकों ने एक शोध के जरिए पता लगाया है कि कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों का शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए एंडीबॉडी बना लेता है। एंटीबॉडी शरीर में पाया जाने वाला वह प्रोटीन है, जो इस वायरस को बेअसर करता है।

चोंगकिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का रिसर्च

चीन के चोंगकिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, लगभग 95 फीसदी मरीजों में संक्रमण के तीसरे हफ्ते में इम्यून सेल्स (रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं) बननी शुरू हो जाती हैं, जो वायरस से लड़ने में मददगार साबित होती हैं। बता दें कि अमेरिका सहित कई देशों में बड़े पैमाने पर एंटीबॉडी टेस्टिंग हो रही है।

हर संक्रमित मरीज में बन रही एंटीबॉडी

एंटीबॉडी टेस्ट में वैसे लोगों की पहचान की जाती है, जिन्हें पहले कोरोना का संक्रमण हो चुका है ताकि ऐसे लोगों को दोबारा संक्रमित होने से बचाया जा सके। चीनी रिसर्च में कहा गया है कि करीब हर संक्रमित मरीज में एंटीबॉडी पाया गया है।

कोरोना भी सार्स महामारी की तरह

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस 2003 के सार्स महामारी की तरह है। उनका मानना है कि जिस तरह से उस वक्त लोगों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हुआ, उसी तरह से कोरोना वायरस का एंटीबॉडी भी विकसित हो जाएगा।

कोरोना वायहस महामारी के बीच इटली में सोमवार को राहत की खबर आई। यहां सोमवार को 10 मार्च के बाद पहली बार 1000 से कम ऐसे मामले सामने आए, जिन्हें आईसीयू में भर्ती करवाने की जरूरत नहीं पड़ी।

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