लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 31,661 रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश के पांच दिन बाद इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने शासनादेश में कहा है कि राज्य में शिक्षकों की कमी, नए शिक्षा सत्र को देखते हुए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में करीब 38 हजार पद शिक्षामित्रों को छोड़कर बाकी रिक्त पदों के लिए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का शासनादेश जारी कर दिया है।

यूपी सरकार ने शिक्षा विभाग में शिक्षक पद पर युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार दिलाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश मिलते ही बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। इसी क्रम में गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने शासनादेश भी जारी कर दिया। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक स्कूलों व उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती के लिए इंतजार कर रहे युवाओं को इस फैसले से काफी राहत मिली है।

बेसिक शिक्षा विभाग ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए छह जनवरी 2019 को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का आयोजन किया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का 65 प्रतिशत अंकऔर पिछड़ा वर्ग व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 69 फीसद अंक निर्धारित किए थे। इसे लेकर अभ्यर्थी कोर्ट चले गए, खासकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था। बीती 21 मई 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने इन 69 हजार पदों में से करीब 38 हजार शिक्षामित्रों के लिए छोड़कर बाकी पदों पर भर्ती करने के निर्देश दिए थे। ऐसे में अब राज्य सरकार ने हफ्ते भर में सहायक अध्यापक के 31,661 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

योगी सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती : बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती में 31661 पदों को भरने के योगी सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। बीटीसी छात्रों की वकील रितु रेनुवाल ने 22 सितंबर को शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर 31661 पदों पर भर्ती के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। ऐसी स्थिति में जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता है, 31661 पदों पर भर्ती के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाई जानी चाहिए।

दरअसल शिक्षामित्र कट ऑफ अंकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हैं। रामशरण मौर्य बनाम राज्य सरकार मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में (65/60 कट ऑफ) फैसला सुनाया था, लेकिन इसके विरोध में शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट चले गए और पिछली भर्ती की तरह 45/40 कट ऑफ करने की मांग कर रहे हैं।

शिक्षामित्रों का दावा है कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में लगभग 45 हजार शिक्षामित्रों ने फार्म भरा था। उत्तरमाला के मुताबिक 45/40 अंकों पर 37 हजार से ज्यादा शिक्षामित्र पास हो रहे हैं, जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के मुताबिक 45/40 कट ऑफ पर केवल 8018 शिक्षामित्र पास हुए हैं।

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