देहरादून। सात समंदर पार देवभूमि में आकर स्पेन के स्केजल और अमेरिका की मेरिक एक दूजे के हो गए। उन्होंने रुद्रप्रयाग में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ एक दूसरे को अपने जीवनसाथी के रूप में चुना। उनकी इस मोहब्बत की कहानी कैसे और कहां से शुरू हुई। किस तरह वो दोनों यहां पहुंचे और एक-दूसरे के साथ विवाहन बंधन में ये कहानी बेहद दिलचस्प है।

दिल्ली से शुरू हुई ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। दरअसल, स्पेन का स्केजल और अमेरिका की मेरिक दोनों ही भारत घूमने के लिए आए हुए थे। वो दोनों एक दूसरे को जानते भी नहीं थे। दोनों दिल्ली में एक-दूसरे से मिले। उन्हें एक-दूसरे का व्यवहार पसंद आया, सोच भी मिली और फिर दोस्ती हो गई।

धीरे-धीरे पेशे से व्यवसायी स्केजल और स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुकी मेरिक की ये दोस्ती प्यार में बदल गई और फिर उन दोनों ने साथ-साथ भारत भ्रमण का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि उनके पास मार्च तक का वीजा था और इस बीच लॉकडाउन हो गया। इसके चलते उन्होंने वीजा अवधि बढ़वा ली।

पैसे सीमित, कभी पैदल तो कभी लेते हैं लिफ्ट

पास में पैसे सीमित थे, इसलिए दोनों दोनों कभी पैदल चलते हैं और कभी किसी से लिफ्ट ले लेते हैं। वो रात बिताने के लिए कोई सस्ता होटल तलाशते हैं। एक हफ्ते पहले दोनों ऋषिकेश पहुंचे, जिसके बाद बुधवार को वो दोनों रुद्रप्रयाग होते हुए बांसवाड़ा पहुंच गए। यहां वो एक होटल में गए। होटल संचालक अमित सजवाण ने बताया कि बुधवार शाम दोनों उन्हें मिले।

हिंदू रीति-रिवाजों से हैं बेहद प्रभावित 

जब उन दोनों से बात की गई तो इसबात का पता चला कि वो हिंदू रीति-रिवाजों से बेहद प्रभावित हैं और यहीं के रीति रिवाज से शादी करना चाहते हैं। बस फिर क्या था होटल संचालक सजवाण उनकी मदद को आगे आए और ग्रामीणों की मदद से गीता कुटीर मंदिर में दोनों का विवाह करवाया। स्केजल का कहना है कि भारत उन्हें पहले से ही आकर्षित करता रहा है। मेरिक ने कहा कि भारतीय काफी हेल्पफुल होते हैं।

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