मुंबई। भारत की सबसे बड़ी फिल्म प्रॉडक्शन और म्यूजिक कंपनी में से एक टी-सीरीज की स्थापना करने वाले गुलशन कुमार का बीते 5 मई को जन्मदिन है। गुलशन कुमार की तरक्की की कहानी दिलचस्प है। दिल्ली में जूस बेचने से देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी का मालिक बनने और फिर अंडरवर्ल्ड के द्वारा दिनदहाड़े हत्या किए जाने तक गुलशन कुमार की कहानी बिल्कुल फिल्मी है।

गुलशन कुमार के पिता दिल्ली के दरियागंज में जूस बेचने का काम करते थे। यहीं पर गुलशन ने ब्लैंक ऑडियो कैसेट्स को रिकॉर्ड करके बेचने का काम शुरू किया था। बिना रॉयल्टी दिए बिकने वाले इन म्यूजिक कैसेट्स ने कुछ ही सालों में गुलशन कुमार की कंपनी को देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी बना दिया।

मुंबई में टी-सीरीज का काम शुरू होने के बाद गुलशन कुमार ने कई उभरते गायकों को अपने यहां गाने का मौका दिया। कुमार सानू, सोनू निगम और अनुराधा पौडवाल जैसे स्थापिक गायकों को शुरुआती मौके गुलशन कुमार ने ही दिए थे और बाद में ये बॉलिवुड के सबसे बड़े सिंगर बन गए।

अंडरवर्ल्ड दाऊद इब्राहिम ने रची हत्या की साजिश

12 अगस्त 1997 को मुंबई के अंधेरी इलाके में एक मंदिर के बाहर गुलशन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गुलशन को 16 गोलियां मारी गई थीं। गुलशन कुमार से अंडरवर्ल्ड फिरौती मांग रहा था जो देने से उन्होंने इनकार कर दिया था।

म्यूजिक डायरेक्टर बना हत्यारोपी

गुलशन कुमार की हत्या में साल 2000 में मशहूर संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण के नदीम सैफी को आरोपी बनाया गया। बताया जाता है कि गुलशन की हत्या में दाऊद के साथ नदीम सैफी भी शामिल थे और दाऊद के गुर्गे अबू सलेम ने इस हत्या को अंजाम दिया था।

कुछ सालों पहले कुछ ऑडियो टेप्स भी सामने आए थे जिनमें कथित तौर पर गुलशन हत्याकांड में नदीम सैफी और दाऊद इब्राहिम के शामिल होने की बात सामने आई थी। इन टेप्स में कई जगहों पर ‘लंदन फ्रेंड’ और ‘उस्ताद’ नाम के कोड वर्ड्स का जिक्र है। माना जाता है कि लंदन फ्रेंड्स का इस्तेमाल नदीम के लिए जबकि उस्ताद का इस्तेमाल दाऊद इब्राहिम के लिए किया गया था।

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