मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अखिल भारत हिन्दू महासभा की याचिका पर सुनवाई हुई। आधा घंटे चली दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत ने अगली सुनवाई 4 मई निर्धारित की। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख शाही ईदगाह की देखभाल करने वाली इंतजामिया कमेटी के सचिव के द्वारा वाद की कॉपी मांगे जाने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करने के बाद दी।
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने 26 फरवरी 2021 को मथुरा कोर्ट में एक वाद दाखिल किया था। इस वाद में हिन्दू महासभा ने कोर्ट से मांग की कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जो भूमि है उसको लेकर 1968 में जो समझौता हुआ वह अवैध है। इस समझौते को चैलेंज करते हुए ईदगाह की भूमि को वापस करने की मांग की है। इस मामले को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क रख रहे हैं।
शुक्रवार को अखिल भारत हिन्दू महासभा ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट से गुहार लगाई कि ईदगाह के नीचे शिलालेख दावे हैं और कुछ पत्थर लगे हैं। उनको न हटाया जाए। इस पर दोनों पक्षों में करीब आधा घण्टे बहस हुई।
ईदगाह कमेटी के सचिव व अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि वाद की कॉपी मांगने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया है। जिसको न्यायालय ने स्वीकार करते हुए वाद पक्ष को वाद की कॉपी प्रदान करने के लिए कहते हुए अगली सुनवाई के लिए 4 मई की तारीख दे दी।
अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि ईदगाह के नीचे भगवान के मंदिर के शिलालेख हैं उनको नष्ट किया जा सकता है। इस पर ईदगाह पक्ष हाजिर हुआ। ईदगाह पक्ष ने कुछ समय मांगा है। वाद की कॉपी मांगी है, न्यायालय ने अगली तारीख 4 मई दी है।
अधिवक्ता देवकी नंदन शर्मा ने बताया कि इंतजामिया कमेटी के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए वाद पक्ष को कॉपी प्रदान करने के लिए कहा गया है।