मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह मामले को लेकर जिला जज की अदालत में दाखिल रिवीजन पर सुनवाई हुई। जिसमें दोनों पक्षों ने करीब पौने दो घंटे अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन से कब्जा हटाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने पिछले साल याचिका दाखिल की जिस पर सुनवाई चल रही है। बुधवार को जिला जज की अदालत में दोनों पक्षों ने अपना अपना पक्ष रखा।

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने पक्ष रखते हुए कहा कि श्री कृष्ण जन्मस्थान संस्थान की ओर से जो समझौता ईदगाह कमेटी से किया गया था, उसका अधिकार ही संस्थान को नहीं था। श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट ने संस्थान को समझौते का अधिकार नहीं दिया था। जब संस्थान पर अधिकार ही नहीं था तो वह समझौता कैसे कर सकता है। जैन ने कहा कि वह भगवान के भक्त हैं और उन्हें इस बारे में सूट फाइल करने का अधिकार है।

ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता और सचिव तनवीर अहमद ने बताया कि रंजना अग्निहोत्री आदि द्वारा दायर किए गए वाद को निचली अदालत खारिज कर चुकी है, जिसका रिवीजन जिला जज की अदालत में किया गया है। उन्होंनें बताया कि वाद दायर करने वालों की ओर से कोई भी प्रमाणित साक्ष्य अदालत में पेश नहीं किया है। उनके द्वारा शपथ पत्र के तौर पर कागज दाखिल किए गए हैं। उनका (ईदगाह कमेटी का) तर्क था कि यदि कोई प्रमाण है, तो उसे अदालत के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। अदालत में अभी दोनों पक्षों की बहस जारी है। ईदगाह कमेटी ओर से अधिवक्ता जीपी निगम, नीरज शर्मा, अबरार हुसैन और तनवीर अहमद द्वारा बहस की गई। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।

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