Holashtak 2021 Date: होलाष्टक का पालन होली के रंगीन त्योहार से जुड़ा हुआ है। यह होली के उत्सव से ठीक पहले की आठ दिन की अवधि को दर्शाता है। होलाष्टक की अवधि भारत के उत्तरी भागों में अधिकांश हिंदू समुदायों द्वारा अशुभ मानी जाती है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष होलाष्टक का आरंभ 22 मार्च से होने जा रहा है| इस दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी| चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान रहेगे और इस दिन आद्र्रा नक्षत्र रहेगा|

होलाष्टक का समापन

फुलेरा पर्व

होलाष्टक की समाप्ति होलिका दहन के दिन होती है  जो इस वर्ष 28 मार्च को होगी और उसके उपरांत 29 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा| आपको बात दे की 15 मार्च को फुलेरा दूज का पर्व मनाया गया और तभी से होली का आरंभ माना जाता है जो था| इस दिन भगवान श्रीकृष्ण राधा के साथ फुलों से खेलते हैं|

होलाष्टक मे क्या ना करे

मान्यता के अनुसार होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए, वही दूसरी ओर सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास का आरंभ हो चुका है और इसमे मांगलिक कार्यों को करना शुभ नहीं माना जाता| शादी विवाह, भूमि, भवन और वाहन आदि की भी खरीदारी को शुभ नहीं माना गया है|

होलाष्टक मे क्या करे
मान्यताओं ने अनुसार इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए क्योंकि पूजा पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है| वही होलाष्टक में स्वच्छता और खानपान का उचित ध्यान रखना आवश्यक है|

 

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