लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारतीय मूल के जो खेल हैं उन खेलों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। क्रीड़ा भारती का काम केवल मेडल व पुरस्कार दिलाना मात्र नहीं है। खेल के क्षेत्र को अच्छा व संस्कारवान बनाना है। मानवीय गुणों के जो संस्कार होते हैं उन गुणों को क्रीड़ा के क्षेत्र में बनाये रखने की जरूरत है। सरकार्यवाह ने आनंदी वाटर पार्क में क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सरकार्यवाह ने कहा कि शिक्षा का अविभाज्य अंग है क्रीड़ा। क्रीड़ा के बिना शिक्षा पूरी नहीं होती। मनुष्य निर्माण के लिए शरीर व मन का विकास होना जरूरी है। डिग्री केवल शिक्षा नहीं होती। नई शिक्षा नीति में क्रीड़ा पर विशेष ध्यान दिया गया है। आज देश में खेल का वातावरण बन रहा है। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि खिलाड़ियों का जीवन ठीक से चल सके, इसका दायित्व समाज को लेना चाहिए। देशभर में जितने भी विश्वविद्यालय हैं, सभी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक-एक खिलाड़ी तैयार करें। खेल की प्रतिभाओं का चयन कर अगर उन्हें तैयार करें तो खेल में भी दुनिया से टक्कर लेने वाले खिलाड़ी हम तैयार कर सकेंगे। सरकार्यवाह ने कहा कि खेल के क्षेत्र में नफरत, द्वेष और राजनीति नहीं होनी चाहिए। हनुमान जी में जितने गुण हैं, वह गुण हमारे खिलाड़ियों में आने चाहिए। हनुमान जी चारित्र्य व स्वामिभक्त के साथ ही बुद्धिमान भी थे। राष्ट्रभक्ति व रामभक्ति दोनों समान हैं। उन्होंने कहा कि खेल केवल मेडल पाने के लिए ही नहीं खेलना चाहिए। खेल आनंद के लिए खेलना चाहिए। पुरस्कार व मेडल मेहनत व परिश्रम के बल पर मिलना चाहिए।
क्रीडा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल सैनी ने कहा कि हम ऐसा खिलाड़ी बनाना चाहते हैं जो समाज व देश के लिए सोचें।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख जगदीश, क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रसाद महानकर, खेल व युवा कल्याण मंत्री गिरीश यादव, कुश्ती खिलाड़ी युवराज सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक अनिल, अवध प्रान्त के प्रान्त प्रचारक कौशल, इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री संजय, अवध प्रान्त के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोेक दुबे, विश्व संवाद केन्द्र के प्रमुख डा. उमेश, क्रीड़ा भारती के प्रदेश अध्यक्ष अवनीश कुमार सिंह, विधान परिषद सदस्य अंगद सिंह और विराज सागर दास प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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