वाराणसी: नव्य और भव्य काशी विश्वनाथ धाम वाराणसी ही नहीं पूरे देश के शिवभक्तों और पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बाबा विश्वनाथ के स्वर्णिम दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहले की अपेक्षा कई गुना अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। गुरुवार को भी कतारबद्ध श्रद्धालुओं के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने दलित एवं अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं के साथ बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। दर्शन पूजन के बाद महिलाएं अभिभूत नजर आईं। महिलाओं ने कहा कि भगवान से ये रिश्ता नहीं टूटेगा। बाबा के दरबार में आने पर महसूस हुआ कि हमारा धर्म कितना महान है। इस दौरान संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि समरसता और दिलों को जोड़ने की क्रांति का साक्षी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बन गया है।

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देश में अब सामाजिक समरसता और समानता की क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। अब गांव-गांव से चलो विश्वनाथ दरबार का नारा गूंजेगा और दलित, जनजातीय समाज,अल्पसंख्यक समाज अयोध्या, काशी और मथुरा की ओर दर्शन-पूजन करने को निकलेगा और संस्कृति को दुनिया में प्रसारित करेगा। भारत की संस्कृति मानव जाति और मानवता की संरक्षक एवं पालक थी और है। देश के नागरिकों से मेरी यही अपील है कि हमारे पूजास्थल छुआछूत मुक्त हों और समरसता समानता युक्त हों। इंद्रेश कुमार ने बताया कि अल्पसंख्यक और दलित समाज के लोगों की यह इच्छा थी कि समूह के रूप में हम बाबा के दर्शन और मां पार्वती के दर्शन को जाएं, इसलिए आज हम यहां आए हैं।

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बाबा विश्वनाथ सभी को जोड़ते हैं। रामपंथ और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में इंद्रेश कुमार के साथ बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंची मुसहर, धरकार के साथ अन्य दलित जातियों की महिलाओं ने कहा कि जबसे बाबा विश्वनाथ धाम की की चर्चा सुनी थी, मन में ये तो था कि कोई विश्वनाथ मंदिर ले जाता तो अच्छा होता। आज हमारा सपना पूरा हुआ।

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