बस्ती। जिले में लोक निर्माण विभाग के दो अभियंताओं को सड़क निर्माण के काम में 43.95 करोड़ रुपये का कथित घपला करने के मामले में विभागीय जांच के दौरान दोषी पाया गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों अभियंताओं को बर्खास्त करने की अनुशंसा शासन स्तर पर भेज दी गयी है। इस मामले में वर्ष 2017-18 और 2018-19 में 300 से अधिक सड़कों के निर्माण के लिए सरकार द्वारा धन आवंटित किया गया था। आरोप है कि मौके पर काम ही नहीं किया गया या फिर धनराशि को निर्धारित कामों के अलावा कहीं और खर्च कर दिया गया। शिकायत मिलने के बाद उच्चस्तरीय जांच में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता अरविन्द कुमार आर्य तथा सहायक अभियन्ता विनय कुमार राम को 43.95 करोड़ रूपये के सड़क घोटाले में दोषी ठहराया गया है। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट और इनकी बर्खास्तगी की अनुशंसा शासन को भेज दी है।

गौरतलब है कि इस मामले में निर्माण कार्यों की स्वीकृति बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति लिये कर दी गयी। साथ ही बिना कार्य कराये ही भुगतान कर दिया गया। इसमें शामिल तत्कालीन एक्सईएन आलोक रमण, तत्कालीन सहायक अभियन्ता विनय राम तथा अरविन्द आर्य और 17 अवर अभियन्ताओं को जिम्मेदार ठहराया गया। आलोक रमण को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।

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