2022: 2022 वर्ष प्राकृतिक न्याय के लिए याद रखा जाने वाला है. इस पर न्यायदेव शनिदेव का गहरा प्रभाव है. शनिदेव स्वयं की राशि मकर में बलवान होकर बुद्धि के स्थान पर विराजमान हैं. वर्ष की शुरूआत भी शनिवार को हो रही है. वर्ष की पहली तारीख का 1 जनवरी 2022 का मूलांक 1 और भाग्यांक 8 है. अंक 8 के स्वामी शनिदेव हैं. वर्ष कुंडली में सर्वाधिक योगकारक हैं. यहां, जन्मांक का महत्व सीमित है. कारण, वर्ष की शुरूआत हमेशा 1 तारीख से ही होती है.

शनिदेव के साथ बुद्धि व्यवहार के कारक बुधदेव लग्नेश होकर उपस्थित हैं. शनि-बुध के संयोग से लोगों की रुचि सहज ही गंभीर विषयों में रहेगी. लोग हल्की बातों को अनदेखा कर विभिन्न मामलों का गहराई से विवेचन करेंगे. इससे लोगों में ज्ञान विज्ञान की समझ और तथ्यपरकता बढ़ेगी. शनिदेव न्याय के कारक हैं. यह वर्ष जनमानस के प्रति न्याय को बढ़ावा देगा. प्राकृतिक न्याय प्रखर रहेगा.

शनिदेव के प्रभाव से लोग सूझबूझ और धैर्य का परिचय देंगे. पाप-पुण्य का हिसाब रखेंगे. शुभ कार्यों को बढ़ावा देंगे. सही के प्रति सजग रहेंगे. शनिदेव जनता के कारक भी हैं. यह जनभावनाओं को उच्चता प्रदान करेगा. अंतिम व्यक्ति की बात को सुनने की स्थिति मजबूत होगी. आमजन की पहुंच सत्ताशीर्ष तक बन सकेगी.

वर्ष की कुंडली कन्या लग्न की है. चंद्रमा सूचना संपर्क और पराक्रम के स्थान में हैं. उनके साथ मित्र मंगलदेव हैं. यह स्थिति भावनाओं को बल देने वाली है. अपनी बात पर दृढ़ता से खड़े रहने की शक्ति प्रदान करने वाली है. मनोबल को मजबूत करने वाली है.

देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में छठे स्थान में हैं. छठे स्थान के बृहस्पति को शत्रुहंता और रोग-पीड़ा नष्ट करने वाला माना जाता है. बृहस्पति के प्रभाव भारतवर्ष के शत्रुओं का इस वर्ष नाश होगा. विरोधी शांत रहेंगे. पड़ौसी देशों की विरोधी गतिविधियों पर लगभग विराम रहेगा. घरेलु मामले भी शांति और सुलझाव की ओर बढ़ेंगे. उपद्रवी चुप बैठेंगे.

अंक ज्योतिष के अनुसार वर्ष 2022 कुल योग 6 अंक के प्रभाव में भी है. साथ ही वर्ष 22 यानि राहू के अंक 4 के असर में भी है. ्इसी क्रम में लगातार तीन बार 2 का आना चंद्रमा के बड़े प्रभाव का भी सूचक है. चंद्रमा के प्रभाव से लोग एक दूसरे की सहायता करेंगे. स्मरणशक्ति और संवेदनशीलता बढ़ेगी. देखभाव का भाव बढ़ेगा. समाज परस्पर सहयोग से समृद्ध होगा. राहू के असर वायरस जनित रोगों के अतिरिक्त आकस्मिक गतिविधियों को बढ़ाएगा. लोग रासायनिक और आधुनिक विषयों में रुचि बढ़ाएंगे.

शुक्र के प्रभाव से जन समाज में भव्यता सभ्यता संस्कार परंपरा और प्रकृति प्रेम बढ़ेंगे. रहन सहन पर समझ बढ़ेगी. रुटीन से बेहतर करने का भाव रहेगा. लोग प्रेम और स्नेह प्रदर्शन में सहज रहेंगे. युवा पीढ़ी भावनाओं को व्यक्त करने में सहज रहेगी. वर्ष कुंडली में शुक्र के प्रभाव से लोगों निजसुख पर फोकस बढ़ेगा. भवन वाहन के व्यापार को बल मिलेगा. कृषि व्यवसाय में गति आएगी. चांदी, निकल, एल्युमीनियम आदि सफेद धातुओं में तेजी रहेगी. अन्य वैकल्पिक बाजारों जैसे- शेयर बाजार आदि में तेजी रहेगी.

लाल-पीली धातुओं एवं मुद्रा अर्थात् सोना तांबा एवं क्रिप्टोकरेंसी आदि में तात्कालिक उतार-चढ़ाव ही देखने को मिलेंगे. वर्ष की पूर्णता पर इनके मूल्य लगभग वर्षारंभ के समान ही होंगे.
राजनीति में शनि-शुक्र के प्रभाव से लोगों की अपेक्षाएं राजनेताओं से बढ़ेंगी. यह स्थिति राजनीतिज्ञों को वाणी व्यवहार में समानता बनाए रखने को प्रेरित करेगी. शनि ग्रह स्थिरता के लिए जाने जाते हैं. यह वर्ष राजनीति में स्थिरता और मजबूती को बढ़ाएगा. सत्ताएं सबल होंगी.

विचारणीय यह भी है कि वर्ष का आरंभ आधुनिक काल में मान्य कालसर्प योग में हो रहा है. कालसर्प योग 27 जनवरी 2022 तक बना रहेगा. इसके प्रभाव में आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अप्रत्याशित संयोग निर्मित होंगे.

Show comments
Share.
Exit mobile version