प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में काशी के ज्ञानवापी स्थित भगवान विश्वेश्वर नाथ मंदिर-मस्जिद विवाद की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी व कई अन्य याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया कर रहे हैं।

अपर सालिसिटर जनरल ने कोर्ट को भारत सरकार के रोल की जानकारी दी और कहा सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी ने भी राज्य सरकार का रुख स्पष्ट किया।

याचिका पर मंदिर की तरफ से अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बहस की कि किसी धार्मिक भवन की प्रकृति का निर्धारण एक हिस्से से नहीं अपितु पूरी सम्पत्ति के साक्ष्य से तय किया जायेगा। एक हिस्से में बदलाव से पूरी सम्पत्ति की प्रकृति नहीं बदल सकती। रस्तोगी ने कहा कि सम्पत्ति विवाद पर पूरा साक्ष्य आने के बाद ही उसके धार्मिक चरित्र का निर्धारण किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मस्जिद को वक्फ एक्ट के तहत वक्फ सम्पत्ति घोषित करने मात्र से वक्फ कानून उस पर लागू नहीं होगा। विवाद हिंदू मुस्लिम के बीच का है। मुस्लिम समुदाय के दो धड़ों के बीच विवाद नहीं है। इसलिए इस मामले में वक्फ कानून लागू नहींं होगा। उन्होंने कहा कि केवल सम्पत्ति का ही विवाद नहीं है। करोड़ों हिंदुओं की आस्था व भावनाओं का राष्ट्रीय विवाद है। विवादित स्थान लार्ड विश्वेश्वर नाथ मंदिर का है। जहां मुस्लिम समुदाय मस्जिद होने का विवाद खड़ा कर रहा है। रस्तोगी ने कहा कि राम अयोध्या जन्मभूमि मंदिर फैसले के बाद इस केस का महत्व बढ़ गया है। समय की कमी के कारण बहस पूरी नहीं हो सकी।

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