नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में झारखंड के साहिबगंज जिला के डिहारी गांव के रहने वाले कुंदन कांत ओझा भी शहीद हो गए हैं। जैसे ही इसकी जानकारी घर वालों को मिली गांव में कोहराम मच गया। इस झड़प में कुंदन के अलावा भारतीय सेना के एक अधिकारी और एक अन्य जवान शहीद हो गए है। चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में हुए संघर्ष में चार भारतीय जवान शहीद हो गए थे। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।  बताया जा रहा है कि हिंसक टकराव के दौरान शहीद हुआ अधिकारी गलवान में एक बटालियन का कमांडिंग अफसर था। बताया जा रहा है तीनों सैनिक चीन की ओर से किए गए पथराव में घायल हुए जिसके बाद उनका निधन हो गया। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

भारत ने इसका कड़ा विरोध करते हुए चीनी सैनिकों को इलाके में शांति बहाल करने के लिये तुरंत पीछे हटने के लिये कहा। दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिये बीते कुछ दिनों में कई बार बातचीत हो चुकी है। इस विवाद को खत्म करने के लिये पहली बार गंभीरता से प्रयास करते हुए लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत सैन्य जिले के मेजर जनरल लीयू लिन ने छह जून को करीब सात घंटे तक बैठक की थी। बैठक के बाद मेजर जनरल स्तर की दो दौर की वार्ता हुई।भारतीय पक्ष उन क्षेत्रों में से हजारों चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दे रहा है, जिन्हें भारत अपना क्षेत्र मानता है

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