मुजफ्फरनगर। जनपद में एक युवती को लॉकडाउन के दौरान घरवालों की मर्जी से शादी करना भारी पड़ गया है। पीड़ित युवती का आरोप है कि उसके परिजनों ने लॉकडाउन के दौरान जून माह में शामली जनपद निवासी एक युवक से शादी की थी। उस समय लड़का पक्ष ने बिना दान दहेज के शादी करने की बात कही थी। लेकिन शादी के दो माह बाद लड़के पक्ष ने पीड़ित युवती और उसके परिजनों से दहेज की मांग करने शुरू कर दी।

दरअसल मामला जनपद मुजफ्फरनगर के थाना बुढाना कोतवाली क्षेत्र के गांव हुसैनपुर कलां का है। जहां गांव निवासी पेशे से मजदूरी करने वाले एक व्यक्ति ने अपनी 20 वर्षीय बेटी ताहिरा (बदला हुआ नाम) की शादी लॉकडाउन के समय जून माह में शामली जनपद निवासी युवक नदीम के साथ बिना दान दहेज के तय की थी।
लड़का पक्ष के लोगों ने भी बिना दान दहेज की शादी पर सहमति देते हुए निकाह कर नव विवाहित ताहिरा को साथ ले गए थे। आरोप है कि शादी के कुछ दिन बाद दूल्हे नदीम और उसके परिजनों ने पीड़िता को दो लाख रुपये और मोटरसाइकिल लाने को प्रताड़ित करने लगे। इतना ही नहीं, पीड़िता के पति नदीम और सास ससुर ने पीड़िता के साथ मारपीट कर उसे धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया।

आरोप है कि युवती के पति और सास ससुर ने नव विवाहिता दुल्हन को मारपीट करते हुए ये कहकर घर से निकाल दिया कि जब तक दो लाख रुपये और मोटर साइकिल लेकर नहीं आती तब तक घर में न घुसे।

पीड़ित युवती का ये भी आरोप है कि उसके ससुर और जेठ ने बदनीयती से उसके साथ जोर जबरदस्ती करने की कोशिश की। पीड़िता और उसके परिजन पिछले आठ दिन से पुलिस के चक्कर काट रहे है।

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