नई दिल्ली। पश्चिमी जिले के मायापुरी इलाके के एक झुग्गी में रसोई गैस सिलिंडर में रिसाव से धमाका हो गया। जिसके चपेट में आने से एक दंपति समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां इनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस ने लापरवाही का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शुरूआती जांच में पता चला है कि रेगुलेटर के खुले होने की वजह से झुग्गी में गैस का रिसाव हो रहा था। पुलिस घायलों के बयान का इंतजार कर रही है।

पुलिस को गुरुवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे सूचना मिली कि मायापुरी के रेवाड़ी लाइन के पास झुग्गी में आग लग गई है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक आग में झुलसे पांच घायलों को पीसीआर वैन और एंबुलेंस से दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। सभी 90 फीसदी से ज्यादा झुलस गए थे। डॉक्टरों ने घायलों का प्राथमिक इलाज करने के बाद सभी को सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

पुलिस ने बताया कि घायलों की पहचान रामछल्ला, विमल यादव, बिट्टू, लाली और उसके पति श्रवण के रूप में हुई है। घटनास्थल पर छानबीन और आस पास के लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि रामछल्ला, विमल और बिट्टू एक झुग्गी में रहते थे, जबकि लाली अपने पति श्रवण के साथ पड़ोस की झुग्गी में रहती थी। देर रात करीब सवा तीन बजे लाली और उसके पति को रसोई गैस की दुर्गंध महसूस हुई। लाली ने अपने गैस सिलिंडर की जांच की।

सिलिंडर बंद था और वहां से कोई दुर्गंध नहीं आ रही थी। लाली और उसके पति ने पड़ोस की झुग्गी का दरवाजा खटखटाया। रामछल्ला ने जैसे ही दरवाजा खोलकर लाइट जलाई अचानक तेज धमाका हुआ और आग की लपटें निकलने लगी। झुग्गी में आग लग गई।

जिसके चपेट में आने से झुग्गी में मौजूद तीन लोगों के अलावा दंपति भी आ गए। शोर शराबा होते ही अन्य झुग्गियों से लोग बाहर निकले और आग की लपटों में घिरे लोगों की आग बुझाने के बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी। सभी बुरी तरह से झुलस गए थे। पुलिस ने मौके पर छानबीन करने के बाद सिलिंडर को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।

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