लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन में मंत्रिपरिषद के सदस्यों की उपस्थिति में पीएम गति शक्ति योजना यानी ‘नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्लान’ की प्रदेश में प्रगति और भावी कार्ययोजना की समीक्षा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के नियोजन के लिए पीएम गतिशक्ति पोर्टल का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गति शक्ति पोर्टल पर सभी सम्बंधित विभाग अपनी परियोजनाओं की अपडेट जानकारी उपलब्ध कराएं। विभागों के बीच परस्पर समन्वय होना चाहिए। डेटा शुद्ध हो, सत्यापित हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी इनोवेटिव विचारों से पूरित पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा किया गया है। यह योजना ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के प्रयासों की शृंखला में अत्यंत उपयोगी है।
उन्होंने कहा कि प्रायः एक विभाग की परियोजना की जानकारी, उसकी अद्यतन स्थिति और उनकी भावी कार्ययोजना की जानकारी दूसरे विभागों के पास नहीं होती है। समन्वय एवं सूचना साझाकरण की कमी के कारण मैक्रो नियोजन और माइक्रो कार्यान्वयन के बीच एक व्यापक अंतर होता है। विभाग प्रायः अलगाव की स्थिति में कार्य करते हैं। ऐसे में एक योजना दूसरी योजना के क्रियान्वयन पर गलत प्रभाव भी डाल सकती है। पीएम गतिशक्ति इस समस्या का स्थायी समाधान है। पोर्टल के माध्यम से हर विभाग, मंत्रालय दूसरे की योजना व परियोजना से अपडेट रहेगा और उसी के अनुसार अपने कार्यों को आकार दे सकेगा।
योगी ने कहा कि पीएम गतिशक्ति के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की सभी वर्तमान तथा भावी कार्यवाहियों को एक केंद्रीयकृत पोर्टल में सम्मिलित किया जाएगा। क्रॉस-सेक्टोरल इंटरेक्शन के माध्यम से परियोजनाओं की प्राथमिकता तय होगी। मास्टर प्लान बनाने में सहायता मिलेगी, साथ ही परियोजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग भी संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति के सफल क्रियान्वयन से हमें ज़मीनी स्तर पर काम में तेज़ी लाने, लागत में कमी करने में मदद मिलेगी। यह रोज़गार पैदा करने पर ध्यान देने के साथ-साथ आगामी चार वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करेगी। पीएम गतिशक्ति के माध्यम से मौजूदा और प्रस्तावित कनेक्टिविटी परियोजनाओं की मैपिंग में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम गति शक्ति-एनएमपी के कार्यान्वयन हेतु प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग और इन्वेस्ट यूपी नोडल संस्थाएं हैं। प्रदेश में पीएम गतिशक्ति के सम्बंध में शासन स्तर पर तीन अलग-अलग समितियां गठित की जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव स्तरीय अधिकारियों का एक अधिकार प्राप्त समूह हो, जो लॉजिस्टिक्स दक्षता की जांच के लिए योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा। साथ ही योजना में संशोधन हेतु निर्धारित फ्रेमवर्क एवं मानकों को अपनाने, उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा पीएम गति शक्ति एनएमपी के मार्गदर्शक सिद्धांतों के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने के सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही करेगा।
उन्होंने कहा कि आईआईडीसी की अध्यक्षता में गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप के पास वर्ष 2020-21 से 20024-25 के लिए राज्य स्तरीय कार्य योजना का उत्तरदायित्व होगा। यह समिति प्रस्तावों की परीक्षण तथा एकीकृत योजना एकीकरण सुनिश्चित करेगी, साथ ही मास्टर प्लान के अंतर्गत समस्त गतिविधियों व कार्यवाही का अनुश्रवण भी करेगी। योगी ने इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक टेक्निकल सपोर्ट यूनिट की बात करते हुए कहा कि यह इकाई आर्थिक विकास विशेषज्ञ, पीएमयू-लाजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन विशेषज्ञ आदि द्वारा तकनीकी एवं परियोजना प्रबंधन सेवा प्रदान करेगी। इस इकाई के लिए अलग-अलग विभागों से ऊर्जावान योग्य और दक्ष अधिकारियों का चयन कर प्रतिनियुक्त किया जाए।
योगी ने कहा कि यह संतोषप्रद है कि गतिशक्ति पोर्टल पर अब तक नहर, औद्योगिक पार्क, नदियां, जल संसाधन, खनन, पर्यटन, आर्थिक परिक्षेत्र, बाढ़ मानचित्र, वन आदि 17 विषयों (लेयर्स) को एकीकृत किया जा चुका है। पोर्टल को और उपयोगी बनाने के लिए पोर्टल पर भूमि अभिलेख, ड्रेनेज, बिजली ट्रांसमिशन, सड़क, सीवर लाइन, जलापूर्ति, बिजली पोल, ट्रैफिक लाइट पोल, बस टर्मिनल और सरकारी भवनों का विवरण भी अपडेट किया जाए। इसी प्रकार किसान बाजार, डेयरी, आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक, आबकारी, खाद्य सुरक्षा, सिटी मास्टर प्लान, स्कूल-कॉलेज, मंडी अवस्थापना आदि विषयों को भी पोर्टल पर स्थान दिया जाए। यह कार्य आगामी 03 माह में पूर्ण कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा कि वे भी विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा करते समय गतिशक्ति के क्रियान्वयन की अपडेट जरूर प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2022-23 के तहत पीएम गति शक्ति से संबंधित व्यय के लिए 5,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत 900 करोड़ के प्रोजेक्ट का चयन कर लिया गया है। संबंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को तत्काल भेज दिया जाए।
योगी ने आगे कहा कि पीएम गतिशक्ति के सुगम क्रियान्वयन के लिए तकनीकी दक्षता जरूरी है। भारत सरकार के सहयोग से राज्य के अधिकारियों को क्षमता विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षित अधिकारी अब अपने सहकर्मियों व अधीनस्थ कार्मिकों को प्रशिक्षित करें। प्रशिक्षण का यह क्रम सतत जारी रखा जाए।
उन्होंने कहा कि 50 करोड़ रुपये से ऊपर की चालू एवं भविष्य की परियोजनाओं को पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए। सभी विभाग भावी परियोजनाओं के नियोजन के लिए अनिवार्य रूप से गतिशक्ति पोर्टल का ही प्रयोग करें। पोर्टल आधारित एप विकसित कराकर उसे विभागीय कार्यप्रणाली में अंगीकृत किया जाना चाहिए।