नई दिल्ली। महाराष्ट्र के एक शख्स ने अपनी मां के शव को तीन महीने बाद कब्र से निकालकर उन्हें अपने कस्बे में ले जाकर दफनाया है। ऐसा उसने मां की की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए किया । जो अपने पति की कब्र के बराबर में अपनी कब्र चाहती थीं। मां की इच्छा पूरी करने के लिए तीन महीने से कोशिश कर रहे सुहास को आखिर इस हफ्ते कामयाबी मिली और उन्हें अपनी मां के शव को मालेगांव से निकालकर अपने कस्बे मनमाड, करीब 37 किमी दूर ले जाकर दफनाने की इजाजत मिल गई।
सुहास नासिक जिले के मनमाड टाउन के रहने वाले हैं और मालेगांव में रहते हैं। उनकी मां मंजुलता बीते दिनों बीमार हुईं तो सुहास ने उनको इलाज के लिए अपने पास मालेगांव बुला लिया। 21 सितंबर को मंजुलता का निधन हो गया। मंजुलता को कोविड होने का भी शक डॉक्टरों को था, हालांकि उनकी रिपोर्ट नहीं आई थी। इसके बावजूद मंजुलता को मालेगांव में ही स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने दफना दिया।
सुहास बताते हैं कि उनकी मां ने पूरी उम्र मनमाड में गुजारी और वो लगातार कहती थीं कि उनको पति के बराबर में दफनाया जाए। ये इत्तेफाक ही रहा कि अपने आखिर वक्त में वो मनमाड से मालेगांव इलाज के लिए आ गईं। यहां सितंबर में उनकी मौत जब हुई तो स्वास्थ्यकर्मियों ने परिवार की ना मानते हुए उनको दफना दिया।
सुहास सितंबर से लगातार इस कोशिश में थे कि उनको अपनी मां का शव मालेगांव से मनमाड ले जाने की इजाजत मिल जाए। सितंबर में ही उनकी मां की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने की बात सामने आ गई। इसके बाद उनको अपनी मां का मृत्यु प्रमाण पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि मंजुलता की मृत्यु कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई थी। इसके बाद उन्होंने सरकारी अधिकारियों को समझाया और आखिर वो अपनी मां का शव लेने में कामयाब हुए। इसके बाद गुरुवार को उन्होंने फिर से अपनी माां को उनके पिता की कब्र के बगल में मनमाड के सेंट बरनाबा चर्च कब्रिस्तान में दफनाया।