प्रयागराज। अर्थव्यवस्था की पहली तिमाही समाप्ति पर उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) को टिकट जांच के माध्यम से 51.66 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है। संभावित आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान वित्त वर्ष के पहले तीन माह के दौरान प्रयागराज मंडल को टिकट जांच के माध्यम से 28.37 करोड़ और झांसी व आगरा मंडल ने क्रमशः 13.07 और 10.22 करोड़ की राजस्व प्राप्ति की है।

उक्त जानकारी देते हुए उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के मुख्य जनसम्पर्क आधिकारी डॉ. शिवम शर्मा ने रविवार को बताया कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार होने से सभी गतिविधियों में तेजी आई है और सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है। रेलवे द्वारा टिकट जांच एक ऐसी गतिशील गतिविधी है जो विभिन्न रूपों में की जाती है। ट्रेन में चल टिकट परीक्षकों टीटीई ने नियमित टिकट जांच सर्वाधिक की जाती है। इसके अलावा, समयकृसमय पर विशेष जांच की जाती है जैसे उड़न दस्तों द्वारा औचक चेक, फोर्टरेस जांच अथवा किलेबंदी (जिसमें चेकिंग स्टाफ द्वारा ट्रेन को चारों तरफ से घेर लिया जाता है और यात्रियों के वैध टिकटों की जाँच की जाती है), मजिस्ट्रेट जाँच (यह रेलवे मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में की जाती है और अपराधियों पर मुकदमा चलाया जाता है), ऐम्बुश जांच, आदि।

बिना टिकट यात्रा को रोकने के उद्देश्य से एनसीआर द्वारा विभिन्न स्थानों पर नियमित अभियान चलाए जा रहे हैं। बिना टिकट वाले यात्रियों को दंडित किया जाता है और उन्हें जांच के दौरान उचित टिकट दिए जाते हैं।

प्रयागराज मंडल ने केवल जून माह में टिकट जांच द्वारा 10.78 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करके एक ख़ास मुकाम हासिल किया है, साथ ही एक माह में प्रयागराज मंडल द्वारा अर्जित किया गया यह अब तक का सर्वाधिक राजस्व है। प्रयागराज मंडल के विभिन्न स्थानों और बोर्ड जैसे मिर्जापुर, अलीगढ़, कानपुर, टूंडला आदि में कई जांच अभियान चलाए गए हैं।

टिकट जांच अभियान एक नहीं बल्कि दो उद्देश्यों को पूरा करता है। जहाँ एक तरफ यह बेटिकट यात्रा पर अंकुश लगाता है, वहीं ऐसे यात्री जो अनजाने में टिकट नहीं ले पाए या फिर उचित श्रेणी का टिकट नहीं ले पाए, उन्हें उचित टिकट की सुविधा प्रदान करता है।

टिकट जांच के अलावा, टिकट जांच अभियान के दौरान बिना बुक किए गए सामान की भी जांच की जाती है और गंदगी फैलाने वालों पर भी जुर्माना किया जाता है।

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