नई दिल्ली। स्वास्थय मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि ICMR ने साफ-साफ कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो ये पुख्ता तरीके से कह सके कि प्लाज्मा थेरेपी को फिलहाल Covid-19 के इलाज के लिए सही पाया गया है. उन्होंने कहा कि इस थेरेपी का फिलहाल उपयोग मरीजों की जान को खतरे में भी डाल सकता है. जब तक आईसीएमआर इसका सर्टिफिकेशन नहीं करता तब तक इस थेरेपी का उपयोग गैर-कानूनी है. इसका प्रयोग के तौर पर तो इस्तेमाल हो सकता है लेकिन उपचार के तौर पर नहीं।

क्या है प्लाज्मा थेरपी

प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके व्यक्ति के खून से प्लाज्मा निकालकर उस व्यक्ति को चढ़ाया जाता है, जिसे कोरोना वायरस का संक्रमण है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि जो व्यक्ति कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुका है, उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। जब इसे कोरोना से जूझ रहे मरीज को चढ़ाया जाता है, तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

Show comments
Share.
Exit mobile version